Onyx Taekwondo Academy :आत्मरक्षा व खेलों में प्रतिभा बढ़ाने के लिए ताइक्वांडो का खेल जरूरी

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Taekwondo Academy

आज समाज डिजिटल, Onyx Taekwondo Academy : बच्चों को चुस्त दुरुस्त रखने और आत्मरक्षा के लिए आज के समय में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग लेना बहुत जरूरी हो गया है। ताइक्वांडो की ट्रेनिंग से न सिर्फ बेटियों को आत्मरक्षा में आसानी होती है, बल्कि खेल के क्षेत्र में भी आगे बढऩे का मौका मिलता है।

ऐसी ही ताइक्वांडो की ट्रेनिंग आज कई युवा और युवतियां डेराबस्सी व जीरकपुर स्थित ओनेक्स ताइक्वांडो अकाडमी (Onyx Taekwondo Academy) से ले रही हैं। यहां एक ओर, ताइक्वांडो के दम पर ट्राइसिटी के कई युवाओं ने देश के लिए पदक जीते हैं और अपने शहर का नाम भी रोशन किया है। तो वहीं ताइक्वांडो को युवतियां अपनी मजबूत सुरक्षा के प्रति भी इस्तेमाल करने का गुर सीख रही हैं। इनका मानना है कि आज के समय में जिस अनुपात में महिला अपराध बढ़ते जा रहे हैं, उससे बचने के लि ताइक्वांडो की ट्रेनिंग प्राप्त महिलाएं सक्षम होंगी।

Marshal Art
ताइक्वांडो के गुर सीखते बच्चों की ये तस्वीर डेराबस्सी स्थित ओनिएक्स अकाडमी की हैं। यहां ताइक्वांडो के नेशनल कोच रहे राम पूरे जोश और जज्बे के साथ एक एक एक गुर सिखा रहे हैं।

अकाडमी में प्रशिक्षण दे रहे मास्टर सतेंद्र सिंह ने बताया कि जीरकपुर, ढकौली, डेरबस्सी, बलटाना और पंचकूला में स्थित उनकी अकाडमी में आज 250 से ज्यादा युवा ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत युवतियां और महिलाएं हैं। सतेंद्र सिंह ने बताया कि वे ओनेक्स वेल्फेयर एक्टिविटी सोसायटी के नाम से बच्चों के लिए फाउंडेशन भी चलाते हैं। अत: जो गरीब बच्चे हैं और खेलों के दम पर अपने देश का नाम रोशन करना चाहते हैं, उनके लिए सारी सुविधाएं मुफ्त हैं। अकाडमी में ट्रेनिंग ले रहे ज्यादतर बच्चों का उद्देश्य खेलों में अपनी प्रतिभा में सुधार लाना है।

महिला अपराध चिंता का विषय

मास्टर सतेंद्र सिंह ने बताया कि इस अकादमी को खुले हुए ३ साल से ज्यादा का समय हो चुका है और हजारों बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। उनका मानना है कि समाज में बढ़ते महिला अपराध बेहद चिंता का विषय हैं, और अब यह जरूरी हो गया है कि लड़कियों और महिलाओं को खुद ही आगे आना होगा, जिसके चलते वे ताइक्वांडो खेल को अपने मजबूत हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का गुर सीख रही हैं, यही वजह है कि ताइक्वांडो के प्रति उनका रुझान बढ़ता रहा है।

मार्शल आर्ट से शरीर में रहती है चुस्ती

इन बच्चों और युवतियों को ट्रेनिंग दे रहे ताइक्वांडो के नेशनल कोचमानते हैं कि केवल कोच या बच्चे के भरोसे रहकर कोई भी खेल नहीं खेला जा सकता, लिहाज़ा अभिभावक, कोच और बच्चे यानी तीनों का एक ही दिशा में रुझान होना बेहद अहम है, इसी का परिणाम है कि बच्चे ताइक्वांडो के लिए भी आगे आ रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि वैसे तो खेल-कूद और व्यायाम हम सबके लिए जरूरी है, लेकिन जिस तरह से आज के हालात में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ा है, उसे देखते हुए मार्शल आर्ट व ताइक्वांडो महिलाओं के लिए बहुत जरूरी हो गया है। जागरूकता अभियान चलाकर समाज के हर व्यक्ति को आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट से जोड़ा जाना चाहिए। मार्शल आर्ट शरीर को चुस्त दुरुस्त रखता है और महिलाओं में एक आत्म विश्वास और ताकत भी देता है जिससे वो विकट परिस्थिति में अपने को महफूज रख सकें।

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