Kissing Disease: किसिंग डिजीज जिसके चलते छात्रा को होना पड़ा अस्पताल में भर्ती

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Kissing Disease किसिंग डिजीज जिसके चलते छात्रों को होना पड़ा अस्पताल में भर्ती
Kissing Disease : किसिंग डिजीज जिसके चलते छात्रों को होना पड़ा अस्पताल में भर्ती

Glanduer Fever Kissing Disease, (आज समाज), लंदन: ब्रिटेन सहित कई देशों में ग्लेंडुअर फीवर यानी किसिंग डिजीज का खतरा मंडराने लगा है। व्यक्ति की लार के संपर्क में आने से होने वाली यह संक्रामक बीमारी ग्लैंडुलर बुखार की वजह बन जाती है। ब्रिटेन में इस वायरस से संक्रमित एक कॉलेज स्टूडेंट को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस बीमारी के क्या लक्षण हैं।

इन कारणों से फैल रहा यह रोग

किसिंग डिसीज एपस्टीन बर्र नामक वायरस से इंसान में फैलती है। इसके बाद संक्रमित व्यक्ति की लार से यह रोग दूसरे शख्स को संक्रमित कर देता है। किस करने यानी चूमने, छींकने व खांसने के साथ-साथ एक सिगरेट पीने, एक चम्मच से खाने, एक ही गिलास से पानी पीने और एक स्ट्रॉ से कुछ पीने से भी यह वायरस संक्रमण फैला रहा है।

ये हैं लक्षण

किसिंग डिजीज का वायरस जब शरीर में आता है तो सबसे पहले गले में बदलाव दिखता है। गले में खराश के अलावा, खांसी व टॉन्सिल का अहसास होता है। व्यक्ति का गला दर्द भी करने लगता है और उससे ग्लैंडुलर बुखार आ जाता है। इस बुखार में गले की ग्रंथि में सूजन आ जाती है। इसके बाद व्यक्ति को उल्टियां तक होने लगती हैं और बार-बार पसीना भी आने लगता है।

तेज बुखार के साथ बॉडी पर आते हैं रैशेज

तेज बुखार के साथ साथ बॉडी पर रैशेज होना, सिर और शरीर में दर्द होना, भूख मर जाना, लिवर में दर्द होना भी किसिंग डिजीज के लक्षण हैं। इस रोग को किसिंग डिजीज इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि ये लार यानी स्लाइवा के जरिए शरीर में प्रवेश करती है।

लिवर पर पड़ता है सबसे ज्यादा प्रभाव

किसिंग डिजीज का सबसे ज्यादा प्रभाव लिवर पर पड़ता है। यानी ये वायरस सबसे ज्यादा लिवर पर असर डालता है। इसके चलते लिवर फेलियर और हेपेटाइटिस भी हो सकता है। ऐसे में चिकित्सक लोगों को परहेज करने की सलाह देते हैं। हाइजीन बरतने के साथ-साथ अन्य सावधानियों का पालन करके भी इस रोग से दूर रहा जा सकता है।