प्रवीण वालिया, करनाल:
मीठी सुरीली आवाज व फिल्मी पर्दे पर कई अर्से तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाले किशोर कुमार की आवाज का जादू व छठा आज भी लोगों के दिलो दिमाग में छाई है। आज भी लोग किशोर कुमार के गीत सुनने को बेताब रहते हैं। किशोर कुमार के गाए अनेक गाने ऐसे हैं जो आज भी लोग नहीं भूले हैं व हर समय जुबान से गुनगुनाए जाते हैं। इस शख्स ने फिल्मी पर्दे पर भी एक्टिंग के जौहर दिखा कर साबित कर दिखाया था वे गायक होने के साथ साथ एक अच्छा मंझा फिल्मी कलाकार है भी है।
कई फिल्मों में इस शख्स ने कामेडियन के रोल बखूबी अदा कर के दर्शकों के दिलो दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी थी। देश विदेशों में आज उनके प्रशंसक उनकी आदाकारी व गायकी के दिवाने हैं व बड़े ही चाव से उनके गानों को सुनते हैं। इस शख्स ने पर्दे पर कामेडी करके दर्शकों को खूब हंसाया व रूलाया भी है। बाद में किशोर दा के नाम से ये काफी मशहूर हुए। अपनी मेहनत लगन के बलबूते पर ही वे गायक अभिनेता व फिल्मी कलाकार बने। शुरू से ही इन्हें अभिनेता बनने का शौक था इनका सपना पूरा हुआ और वे एक दिन उच्च कोटी का ऐसा कलाकार बन गया कि लाखों प्रशंसकों का प्यार इस चंद ही दिनों में नसीब हो गया।
अभिनेता बनने के बाद से जिदंगी के मुकाम में इस शख्स ने अनेक बुलंदियों को छूआ। इनकी सुरीली आवाज के लोग आज भी दिवाने हैं। इन्होंने वैसे तो 6 सौ से अधिक फिल्मों के गानों को अपनी सुरीली आवाज से नवाजा है। लेकिन हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते, आते-जाते खूबसूरत आवारा सड़कों पर, पल पल दिल के पास तुम रहती हो,जिदंगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मुकाम, छू कर मेरे मन को,आदि गीत आज युवा पीढ़ी गुनगुनाती है। बरसो तक एक्टिंग में अदाकारी के जलवे दिखाए साथ ही गायकी के क्षेत्र में भी नई नई ऊचाइयों को छूकर लोगों के दिलो पर राज किया। किशोर के फैन सुनील विरमानी,रमण अरोड़ा, संदीप पोपली, रामप्रकाश सुखीजा, सोमनाथ, राजेश मदान, सुनील ग्रोवर,संजीव मल्होत्रा, गुलशन शर्मा, राजेन्द्र वधवा ने बताया किशोर कुमार एक बेहतरीन कलाकार ही नहीं थे बल्कि अच्छे गायक भी थे। फिल्म पड़ौसन की बात करते हुए वह बताते हैं कि इस फिल्म में किशोर कुमार ने जबरदस्त एक्टिंग की थी। आज भी इस फिल्म में किए अभिनय के चर्चे हर किसी की जुबां पर हैं।
सभी ने यह फिल्म पसंद की थी। लोग आज उनके कई गीतों के मुखड़े सुनकर गमहीन हो जाते हैं, तो कभी इनकी फिल्मों को देख कर हंसी के फुव्वारे छूट पड़ते हैं। किशोर दा ने हिन्दी फिल्मों के साथ साथ पंजाबी, बंगाली, उडिय़ा भाषा में भी गीत गाकर सभी पर अपनी तरकश आवाज का जादू बिखेरने में कामयाब रहे। इस कलाकार ने कामयाबी की सीढियां चढ़ते समय कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इनके गाने आज भी युवाओं में जोश मस्ती भर देते हैं व किशोर को इनकी अदाकारी व कायम की सुरीली आवाज को सुनकर याद करते लेते हैं लोगों के दिलोमें वे पूरी तरह से अपनी छाप छोड़ कर गए हैं। उनके पुत्र अमित कुमार भी अपने पिता के नक्शे कदम चलते हुए गायकी के क्षेत्र में अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों में अच्छी पैठ व पहचान बना चुके हैं। किशोर दा का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 4 अगस्त सन् 1929 को हुआ था। किशोर दा ने अनेक गानों व अदाकारी के माध्यम से अनेक आयामों को छूआ है। किशोर कुमार के प्रशंसकों की देश विदेश में आज कोई कमी नहीं है।