Aaj Samaj (आज समाज), Kisan Disrupted Rail Traffic, नई दिल्ली: पंजाब में रेलवे ट्रैक जाम करने के ऐलान के बाद किसानों ने आज पटियाला व राजपुरा में पटरियों पर बैठकर रेल यातायात को बाधित कर दिया है। इसके आलावा किसान जथेबंदियों ने आज 11 से 2 बजे तक राज्य में टोल भी फ्री करवाए। बता दें कि किसान संगठनों ने विभिन्न मांगों को लेकर ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया है और पिछले तीन दिन से वे सड़क पर हैं। हजारों की संख्या में किसानों ने 13 फरवरी को पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली कूच किया था लेकिन हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर उन्हें रोक लिया गया। इसके बाद से किसान वहां पर डटे हुए हैं और पुलिस व प्रशासन के साथ उनके टकराव की स्थिति बरकरार है। पिछले दो दिन में पुलिस व किसानों के बीच झड़पें भी हुई हैं।
- टोल भी फ्री करवाए
दिल्ली में सीमाएं सील, सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त
किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान को देखते हुए देश की राजधानी में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली से लगती सीमाओं को सील कर दिया गया है, ताकि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली की सीमा के अंदर प्रवेश न कर सकें। कई रूट बंद कर दिए गए हैं, जबकि कुछ को डायवर्ट किया गया है। इससे आमलोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ रूट बंद होने की वजह से लोग जहां-तहां फंस रहे हैं।
आज दिल्ली कूच पर बड़ा फैसला ले सकते हैं किसान
किसान नेताओं ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार से बातचीत तक वे आगे नहीं बढ़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बैठक बुलाई है और उम्मीद है कि आज दिल्ली कूच पर कोई बड़ा फैसला किसान संगठनों की ओर से लिया जा सकता है।
भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने किया है रेल ट्रैक जाम करने का ऐलान
ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ आगे बढ़े रहे किसानों ने बुधवार को दूसरे दिन भी जमकर बवाल किया। हालांकि, लेकिन हरियाणा ने प्रदर्शनकारी किसानों को अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने पंजाब भर में आज दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक रेल ट्रैक जाम करने की घोषणा की है।
कांग्रेस और वामपंथी हालात बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार : भाजपा
चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और चंडीगढ़ के पूर्व मेयर अरुण सूद ने बड़ा आरोप लगाया है कि कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा आम चुनाव से पहले देश के हालात बिगाड़ने के लिए अंदोलन शुरू करवाए गए हैं। यह तथाकथित किसान आंदोलन की सच्चाई है। इनका मानना है कि राम मंदिर की वजह से मोदी का ग्राफ बहुत ऊपर चला गया है। उसे नीचे गिराने के लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। चुनाव आते ही यह आंदोलन भी खत्म हो जाएगा।
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