Kisan Credit Card Scheme : किसान क्रेडिट कार्ड योजना जो की 1998 में शुरू की गई थी। जिसके अंतर्गत भारत में किसानों को उनकी कृषि संबंधी जरूरतों के लिए ऋण प्रदान करना है।
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 पेश किया है जिसमे किसान क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में चर्चा की गयी है। आपको बता दे की किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। ताकि किसानो की वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके।
इस बजट में, सरकार ने केसीसी योजना को 7.7 करोड़ किसानों तक विस्तारित करने की घोषणा की। इस विस्तार से विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ पशुपालन और मछली पालन से जुड़े लोगों को लाभ होगा।
ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख
इस साल के बजट में केसीसी ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इस समायोजन से किसानों को बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी और डिजिटल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
किसान क्रेडिट कार्ड कैसे काम करता है?
किसान क्रेडिट कार्ड एक व्यक्तिगत पहचान संख्या (पिन) और एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान संख्या (आईआईएन) से लैस है, जो एक चुंबकीय पट्टी कार्ड के रूप में काम करता है। किसान अब इस कार्ड का उपयोग करके एटीएम से आसानी से नकदी निकाल सकते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि जरूरत पड़ने पर क्रेडिट आसानी से उपलब्ध हो। अपडेटेड ब्याज सब्सिडी कार्यक्रम के तहत, किसान 5 लाख रुपये तक के ऋण का उपयोग कर सकते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के फायदे
बजट 2025 के अनुसार, सरकार इस योजना में अतिरिक्त 1 करोड़ किसानों को शामिल करने की योजना बना रही है, जिससे उन लोगों को भी मदद मिलेगी जिन्हें पहले ऋण और वित्तीय सहायता से बाहर रखा गया था।
किसान क्रेडिट कार्ड पर दी जाने वाली सब्सिडी
केसीसी योजना 3 लाख रुपये तक के ऋण पर 7% की रियायती ब्याज दर प्रदान करती है। अगर किसान अपने ऋण को समय पर चुकाते हैं, तो उन्हें 3% ब्याज सब्सिडी का लाभ मिल सकता है, जिससे प्रभावी ब्याज दर घटकर सिर्फ़ 4% रह जाएगी।
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