Aaj Samaj (आज समाज), Kisan Andolan Day 5, नई दिल्ली/चंडीगढ: संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर संघ द्वारा शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद का कोई असर नहीं दिखा। दिल्ली-एनसीआर में दुकानें और व्यापारिक-शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह खुले रहे और रोज की तरह सामान्य कामकाज हुआ। वहीं देश के सबसे बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान में भी देशव्यापी बंद का कहीं असर दिखाई नहीं पड़ा। हालांकि इसके बावजूद दिल्ली कूच पर अड़े किसान इसके बावजूद पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आज हरियाणा के किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है और साथ ही कहा है कि वे चंडीगढ़ में बीजेपी के बड़े नेताओं के घरों का घेराव करेंगे।
यह हो सकता है बंद का असर न होने का कारण
भारत बंद का असर न होने का मुख्य कारण किसानों के बड़े संगठनों और नेताओं का आंदोलन से दूर रहना हो सकता है। आम आदमी का किसानों के इस आंदोलन के प्रति कोई सहानुभूति न होना भी भारत बंद को असफल बनाने में अहम रहा। पूरे देश में सबसे बड़े व्यापारियों के संगठन कैट ने एक दिन पहले ही इस आंदोलन में शामिल न होने की घोषणा कर दी थी। आंदोलन को बेअसर करने में इस घोषणा को भी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।
पंजाब-हरियाणा के कुछ इलाकों में रहा सीमित असर
किसानों के प्रभाव वाले पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में भारत बंद का सीमित असर देखा गया है। दोनों राज्यों में कुछ जगह दुकानें व व्यावसायिक और सरकारी संस्थान बंद रहे। वहीं केंद्र सरकार व किसानों के बीच गुरुवार रात को बैठक बेनतीजा रहने के बाद हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर व हरियाणा में अन्य जगहों पर दिल्ली कूच के लिए किसान चौथे दिन भी डटे रहे।
कल केंद्र संग मीटिंग, शंभू बॉर्डर पर दागे आंसू गैस के गोले
रविवार को केंद्र व किसानों की मीटिंग है जिसके कारण किसानों ने रविवार तक दिल्ली कूच टाल दिया है। इस बीच शुक्रवार को सामने आई जानकारी के अनुसार शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे हैं।
हरियाणा के कुछ इलाकों में किसान आंदोलन विरोधी रैली निकाली
किसान अपने साथ एक ओर जहां पूरे देश के किसानों-मजदूरों के होने का दावा कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के कुछ इलाकों में किसान आंदोलन विरोधी रैली भी निकाली। रैली में शामिल युवाओं का कहना था कि केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए कुछ किसान नेता बार-बार आंदोलन के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। इससे किसानों के साथ-साथ आम लोगों को भी नुकसान हो रहा है और आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
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