अंबाला सिटी। कृषि बिलों की वापसी की मांग पर अड़े किसानों के भारत बंद के आह्वान का असर अंबाला में भी देखने को मिला। भाकियू के झंडे तले किसान अंबाला की सडकों पर उतरे और बाजार बंद करवांए। वहीं अंबाला के टॉल प्लाजों पर भी किसान प्रदर्शन करते दिखे। इस दौरान किसान अंबाला के हर चौक-चौराहों पर पहुंंचे और प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री मनोहर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा किसान विरोधी सरकार है। देश के प्रधानमंत्री और मनोहर सरकार किसानों पर जुल्म कर रही है, सरकार द्वारा लाठी बरसाना, आसु गैस के गोले छोडऩा, पानी की बौछारें करवाना व किसान को खत्म करने वाले काले कानून यह सीधे तौर पर किसानों पर जुल्म है। किसान नेताओं ने कहा कि किसान अपनी मांगे पुरी होने तक पीछे हटने वाला नहीं है। इस विरोध में भारी संख्या में किसान शामिल हुए और दोपहर का भोजन भी उन्होंने शहर की सडकों के बीच चौक पर ही किया।
खाना छोड़, एबुलेंस को दिया रास्ता
किसानों ने सडकों पर बंद के दौरान किसी भी वाहनों को गुजरने नहीं दिया। मगर किसानों ने अपने प्रदर्शन के दौरान किसी भी एबुलेंस को नहीं रोका। वहीं शहर के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं चौक पर सडक के बीच खाना खाने के दौरान आई एक एबुलेंस को किसानों ने खाने के बीच ही उठकर ही एबुलेंस को रास्ता दे दिया। वहीं एंबुलेंस में बैठे मरीजों के तमीरदारों ने भी किसानों का अभार जताया।
पुलिस के रहे पुख्ता इंतजाम
किसानों की कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद की कॉल के अंतर्गत किसान संगठन अंबाला की सडकों पर उतरे और शहर में शांतिपूर्ण तरीके से बाजार बंद करवाए। हालाँकि किसानो के प्रदर्शन को देखते हुए ज्यादातर बाजार पहले ही बंद दिखाई दिए। इस दौरान पुलिस के भी कड़े प्रबंध किए हुए थे। किसानों के प्रदर्शन के साथ-साथ पुलिस के जवान भी मुस्तैद थे।
जिलाध्यक्ष ने जताया अभार
भातीय किसान यूनियन के अंबाला जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह ने कहा यह 3 कानून सिर्फ किसानों के खिलाफ नहीं हैं बल्कि पूरे देश के खिलाफ हैं। इसलिए हर देश वासी को किसानों का साथ देना चाहिए। क्योंकि अगर यह कानून आ गए तो किसानों के साथ आम नागरिक भी सडकों पर आ जाएगा, खाने की वस्तुए सभी मंहगी हो जाएगी। इस दौरान किसान संगठनों का साथ देने वाले लोगों, दुकानदारों व व्यापारियों का भाकियू ने धन्यवाद किया।
असमंजस में फंसे दुकानदारों ने बंद रखने का किया फैसला
मंगलवार की सुबह सिटी कपड़ा मार्केट, जगाधरी गेट, शुक्लकुंड रोड़ समेत बलदेव नगर, नारायणगढ़ रोड़ समेत अन्य स्थानों पर दुकानदार असमंजस में थे। करीब 11 बजे के बाद इन लोगों ने अपनी दुकानों को बंद करने का फैसला किया और घरों को चले गए। हालात यह रहे कि सड़कों पर भी रोज की तुलना में कम चहल पहल नजर आई। दोपहर तीन बजे के बाद दुकानें फिर से खुलने लगी और बाजार में रौनक वापस लौटी।
किसान आंदोलन के दौरान कोई असमाजिक तत्व शरारत न करे इसको देखते हुए पुलिस के पुख्ता प्रबंध किए हुए थे। किसानों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्वक रहा। कही कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
सुलतान सिंह, डीएसपी हैडक्वाटर अंबाला।