नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन चल रहा है। आज इस आंदोलन का 10वां दिन है। दस दिन सेपंजाब, हरियाणा से आए किसान दिल्ली सीमा पर अपना डेरा लगाकर बैठे हैं। इस बीच अपने आंदोलन को और धार देनेक ेलिए किसान अपनी रणनीति भी बना रहे हैंसाथ ही साथ स रकार से बातचीत भी कर रहे हैं। आज किसानों और सरकार के बीच बातचीत का पांचवा चरण है। उम्मीद की जा रही है कि आज इस समस्या का कुछ हल निकल आएगा। गौरतलब है कि गुरुवार को भी चौथे चरण की बातचीत किसानों केसाथ बेनतीजा ही रही थी। किसानों के साथ पांचवें दौर की बैठक से पहले इस मुद्दे का उचित हल तलाशने के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक की। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह , कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। जबकि किसानों की मांग है कि नए कृषि कानून को रद्द किया जाए। वह इससे कम कुछ भी नहीं मांग रहेहैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। बता दें कि अगर आज कोई हल नहीं निकलता है तो किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान पहले ही कर दिया है।
-केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि किसानों का गलतफहमी में आंदोलन करना सही नहीं है, ये कानून किसानों के हित में हैं। जानबूझकर विपक्ष किसानों को भटका रहा है, सरकार बातचीत कर रही है और कोई न कोई रास्ता निकलेगा।
-किसानो ने आज अपना कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। वह चाहतेहैंकि सरकार आज समस्या का हल करे। किसान नेताओं का कहना है कि हमने अपनी मांगे सरकार के आगे रख दी है। अब इसमें ज्यादा बातचीत का कोई मतलब नहीं है। अब हमें सिर्फ हल चाहिए, हमारी समस्या का समाधान चाहिए।
-इधर किसानोंके लिए समर्थन बढ़ता ही जा रहा है। लोग किसानों का समर्थन कर रहेहैं। पंजाब के गायकों ने भी किसानों का समर्थन किया है। सुप्रसिद्ध गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ भी किसानों को समर्थन देने सिंधु बॉर्डर पहुंचे। जहां उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबोधित किया। उन्होंने यहां कहा कि हमारा केंद्र सरकार से सिर्फ एक निवेदन है कि वह हमारे किसानों की मांग को पूरी करे। हर कोई यहां शांतिपूर्ण ढंग से बैठा है और पूरा देश किसानों के साथ है।
-कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से अनुरोध किया कि धरना स्थलों पर उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को घर जाने को कहें।