Union Minority Affairs Minister Kiren Rijiju, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े दो अहम विधेयकों को (वक्फ संशोधन विधेयक, 2024) पेश किया। विपक्ष ने विधेयक को लेकर सत्ता पक्ष पर हमला बोला। विधेयक पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। वहीं केंद्रीय मंत्री और जद-यू के सांसद ललन सिंह ने इस मामले में विपक्ष को उसके वार का करारा जवाब दिया।
धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई दखल नहीं
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने कहा, किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए। उन्होंने कहा, इस विधेयक से संविधान का उल्लंघन नहीं हो रहा है। यह विधेयक किसी का हक लेने के लिए नहीं बल्कि उन्हें अधिकार दिलाने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी उनका अधिकार नहीं मिला। विपक्ष की सारी आशंकाओं को दूर किया जाएगा।
बिल सच्चर समिति की रिपोर्ट पर आधारित
किरेन रिजिजू ने कहा, (वक्फ संशोधन विधेयक समर्थन करिए करोड़ों लोगों की दुआएं मिलेंगी। उन्होंने कहा, कहा, आज जो विधेयक लाया जा रहा है वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे आपने यानी कांग्रेस ने बनाया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, विपक्षी नेता मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, बुधवार देर रात मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए थे। कई सांसदों ने मुझे बताया है कि माफिया ने वक्फ बोर्डों पर कब्जा कर लिया है। कुछ सांसदों ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से विधेयक का समर्थन करते हैं, लेकिन अपने राजनीतिक दलों के कारण ऐसा नहीं कह रहे हैं। हमने इस विधेयक पर बहुस्तरीय देशव्यापी विचार-विमर्श किया है।
विधेयक के समर्थन की उम्मीद
विपक्ष ने नेताओं के नाम पूछे तो मंत्री ने कहा, मैं आप लोगों का सियासी रिश्ता खराब नहीं करूंगा। इसलिए मैं नाम नहीं बताऊंगा। रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक का नाम अब ‘यूनाइटेड वक्फ एक्ट मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1995- ‘उम्मीद’ रखा गया है। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि विधेयक के प्रावधानों को समझकर आप समर्थन करेंगे।
बिना मतलब के मुद्दा बना रहा विपक्ष
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम यह नहीं कह रहे कि विभिन्न धर्मों के लोगों को वक्फ बोर्ड का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। हम कह रहे हैं कि संसद सदस्य को वक्फ बोर्ड का सदस्य होना चाहिए। अब, अगर सांसद हिंदू या ईसाई है, तो हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं। अब अगर किसी सांसद को सांसद होने के आधार पर वक्फ बोर्ड में जोड़ा जाता है, तो क्या हमें सांसद का धर्म बदल देना चाहिए? विपक्ष बिना मतलब के मुद्दा बना रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को अच्छे से चलाने के लिए जानकार लोग चाहिए।