पुलिस ने बच्चे की खोज में चलाया सर्च अभियान, डरे हत्यारोपी पड़ोसी की छत पर फेंक गए मासूम का शव Killer Killed the Innocent
आज समाज डिजिटल,करनाल:
Killer Killed the Innocent: पुलिस का सर्च आप्रेशन अभियान अंतिम पड़ाव पर पहुंचने से पहले ही 4 वर्षीय मासूम बच्चे जश का शव पड़ोसी की छत मिलने से पूरे गांव में सन्नाटा छा गया।(Killer Killed the Innocent) मासूम की हत्या की खबर ने पूरे गांव को झंझकोर कर रख दिया, बच्चे का शव मिलने पर तेजी से हरकत में आई पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचाया। डॉक्टरों के पैनल द्वारा मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम हुआ। गमगीन माहौल में मासूम जश का संस्कार किया। पुलिस ने मृतक बच्चे के ताऊ सहित परिवार के अन्य कई सदस्यों को आरोपित मानते हुए हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी, बावजूद गम के साथ-साथ पूरे गांव में तीव्र रोष व्याप्त हैं।
पुलिस की जांच प्रणाली पर कड़े सवाल खड़े
वहीं पुलिस की जांच प्रणाली पर कड़े सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसा दिख रहा है कि पुलिस जांच में अपना ही कॉनसेप्ट भूल गई कि इस तरह की आपराधिक वारदात होने पर पुलिस का पहला शक पड़ोसी या परिवार के ही सदस्यों पर होता हैं। क्या पुलिस ने इस एंगल पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा? पुलिस जब सीसीटीवी फूटेज के आधार पर 2 बाबाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ करती रही, शाम करीब 7 बजे पुलिस तक पुलिस के हाथ कोई अहम सुराग नहीं मिला,पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया, तब तक शायद पुलिस मान चुकी थी कि गायब हुआ जश गांव या आसपास ही कहीं हो सकता है। रात 9 बजे तक पुलिस ने पूरे गांव में सर्च अभियान चलाने का निर्णय लिया। क्या पुलिस ने पूरा फोक्स भिखारियों पर कर लिया था? क्या जांच के अन्य पहलूओं पर गौर करने में चूक हो गई? क्या पुलिस की चूक का हत्योपियों ने फायदा उठाया? जिसका खामियाजा 4 वर्षीय मासूम जश को जान देकर चुकाना पड़ा?
पुलिस की जांच पर उठे सवाल Killer Killed the Innocent
तब तक क्यों जांच के बेसिक पहलू को आधार नहीं बनाया? अगर गांव में सघन सर्च अभियान चलाया, उस वक्त भी क्यों पीडि़त परिवार के घर के आसपास या पड़ोसियों से पूछताछ नहीं की गई? आधुनिक युग में पुलिस की जांच हाइटैक होनी चाहिए, लेकिन मृतक जश के मामले में पुलिस की जांच गैर जिम्मेदराना प्रतीत हो रही है। हालांकि पुलिस ने बच्चे का सुराग देने वाले को एक लाख रुपए देने की घोषणा भी कर दी थी। बावजूद पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं मिला। अल सुबह आते-आते जब पुलिस लगभग पूरे गांव में सर्च अभियान कर चुकी थी, मात्र पीडि़त परिवार व उसके मृतक के ताऊ का घर ही बचा था। इसी दौरान मासूम का शव एक छत पर मिला।
क्या मासूम को बचाया जा सकता था? Killer Killed the Innocent
हो सकता था कि पुलिस ने वारदात होने के बाद बेसिक कॉन्सेप्ट को भी जांच का आधार मानकर काम करती तो शायद जश का जीवन बच सकता था? मासूम जश 5 रुपए लेकर दुकान पर गया या नहीं था, अगर नहीं गया तो पुलिस ने उस एरिया को ही संदिज्ध मानकर आसपास के घरों या अन्य जगहों पर उसी वक्त सर्च अभियान शुरू कर दिया था। जब पुलिस की कई टीमें गांव में जांच के लिए पहुंच चुकी थी तो क्या प्रथम दृष्टि में पुलिस ने भिखारियों को सीधे तौर पर आरोपी मानकर पूरी शक्ति उन्हें खोजने में लगाकर जांच के अन्य पहलुओं को भूल गई? पुलिस की इसी चूक का हत्यारोपी ने फायदा उठाया हो ओर दूसरा आरोपी पुलिस के सर्च अभियान से डर गया कि जल्द ही बेनकाब होने वाला हैं। हो सकता है कि इसी भय के चलते आरोपी ने मासूम जश की जान ले ली? हालांकि पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया है। पुलिस का दावा कि जल्द ही मामले का खुलासा कर दिया जाएगा। फिलहाल पुलिस जांच डिस्क्लोज होने की बात कहकर कुछ भी बताने से इंकार कर रही हैं।
परिजनों ने लगाया मृतक के ताऊ व उसके परिवार को आरोप Killer Killed the Innocent
मृतक परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस के बाहर राजेश पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजेश रात को नेशनल हाइवे जाम करने से रोक रहे थे, राजेश को कहा कि कर दिया वहीं काम, तब जवाब में राजेश ने बताया कि ये तो फिर बंती ने किया है। उसके घर से ही बच्चे के 5 रुपए भी बरामद हुए हैं। इस मामले में राजेश, उसकी की पत्नी बंती, राजेश की मां और उसके भांजे शामिल हैं। विरोध में ग्रामीणों ने रात 11 बजे नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। जश के न मिलने से पूरे गांव में गुस्सा था, मातम था। लोग परेशान, चिंतित थे कि आखिर जश किस हालत में और कहां पर होगा। डीएसपी विजय देशवाल ने आश्वासन देकर करीब 40 मिनट बाद जाम खुलवाया।
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कौशल्य ने सुनी छत पर कुछ गिरने की आवाज Killer Killed the Innocent
कौशल्य ने बताया कि वो सुबह साढ़े 5 बजे अपने पशुओं को चारा डाल रही थी। इस दौरान उनकी छत पर कुछ गिरने की आवाज आई। इस बारे में पड़ोसी को छत पर गिरने के बारे में पूछा तो उसने कुछ भी न होने की बात कही। इसके कुछ समय बाद यश की चाची ने छत से देखा तो टीन पर बच्चे को पड़ा दिखा और चिल्लाने लगी। ग्रामीणों ने कहा कि ये बहुत ही घिनौना काम किया। जिसने भी ऐसा घटिया काम किया है। उसको और उसके पूरे परिवार को फांसी की सजा होनी चाहिए। बता दे कि गांव कमालपुर रोडान से करीब 4 वर्षीय जश मंगलवार सुबह 10 बजे गायब हो गया था। जिसका शव बुधवार अल सुबह बरामद हुआ। बच्चे के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए।
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अपने बच्चों का रखे याल : चेयरमैन
बाल कल्याण समिति के चेयरमैन उमेश कुमार चानना का कहना है कि इस तरह के मामलों में पुलिस सबसे पहले जांच करती है कि पीडि़त परिवार की किसी के साथ कोई दुश्मनी तो नहीं है या लेनदेन का कोई मामला है। उसके बाद पुलिस आस-पड़ौस या सगे संबधियों को शक के दायरे में लेकर पूछताछ करती है।
कई लोगों को हिरासत में लेकर हो रही पूछताछ : एस.पी
एस.पी गंगा राम पूनिया का कहना है कि हत्या के इस मामले में शक के आधार पर पुलिस ने कई लोगों व महिलाओं को हिरासत में लिया हुआ है। जिनसे पूछताछ की जा रही है। जल्द इस हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा। एसपी गंगाराम पुनिया ने बताया कि पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है।
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