Kids health: बच्चे हेल्दी रहें इसके लिए उनकी डाइट में विटामिन, मिनरल और आयरन की भरपूर मात्रा का होना चाहिए। अगर आप अपने बच्चे को आयरन और विटामिन बी-12 से भरपूर डाइट देती हैं, तब तो बहुत अच्छी बात है और अगर नहीं तो आज से ही उसकी डाइट में इन पोषक तत्वों को शमिल करना शुरू कर दें। क्योंकि एक नई रिसर्च से पता चला है कि छोटे बच्चे में आयरन और विटामिन बी12 की कमी व्यवहार संबंधी समस्याओं जैसे कि चिंता व आक्रामकता से जुड़ी हो सकती है।
विटामिन बी-12 और आयरन की कमी
शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि आयरन की कमी, एनीमिया व विटामिन बी12 की कमी की वजह से आठ साल की आयु वाले बच्चों में औसत की तुलना में आक्रमकता और नियमों को तोड़ने जैसे व्यवहार 10 फीसदी ज्यादा होते हैं। लौह तत्व की कमी आंतरिक समस्याओं जैसे चिंता व डिप्रेशन से जुड़ी होती है।
क्या कहती है रिसर्च
अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर एडुआडरे विल्मर ने कहना हैं कि ब्रेन के कुछ हिस्सों का विकास पूरे बाल्यावस्था के दौरान होता है। उन्होंने कहा कि दिमाग के बेसल गैंग्लिया, हिप्पोकैंपस, अमाईगडला व प्रीफ्रंटल कार्टेक्स की संरचना में बदलाव व्यावहारिक समस्याओं को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
इस शोध का प्रकाशन ‘जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन’ में हुआ है। इसमें शोध दल ने पांच से 12 साल की उम्र के 3,200 बच्चों का परीक्षण किया था। अगर आप अपने बच्चे को व्यवहार संबंधी समस्याओं से बचाए रखना चाहती हैं, तो उन्हें हर दिन पर्याप्त मात्रा में वैसे आहार दें, जिनमें लौह तत्व और विटामिन बी12 प्रचुर मात्रा में मौजूद हों।
विटामिन बी-12 के स्रोत
बॉडी के लिये जरूरी पोषक तत्वों में से एक है विटामिन। उनमें से एक विटामिन बी-12 हमारी बॉडी के सेल्स में पाए जाने वाले जीन को बनाने और उनकी मरम्मत में हेल्प करता है। यह ब्रेन, रीढ़ की हड्डी और नर्वस के कुछ तत्वों की रचना में भी हेल्प करता है। हमारी बॉडी में मौजूद रेड ब्लड सेल्स का निर्माण भी विटामिन बी-12 की सहायता से होता है। यह बॉड के सभी हिस्सों के लिए विभिन्न तरह के प्रोटीन बनाने का काम करता है।विटामिन बी12 अंडा, दूध, चीज, मिल्क प्रोडक्ट्स, मीट, मछली आदि में पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है।
आयरन के स्रोत
हमारी बॉडी में ऑक्सीजन संवहक के रूप में आयरन यानी लौह तत्व की महत्वपूर्ण भूमिका है। बॉडी में आयरन की कम मात्रा के कारण ब्लड में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। इससे शारीरिक व मानसिक विकास में वृद्धि पर असर पड़ता है। जैसे थकान, सांस लेने में परेशानी, जीभ, हथेली तथा होंठ के अंदरुनी भाग का पीला होना एनीमिया के प्रमुख लक्षण हैं। पालक, चुकंदर, अनार, अंडा, रेड मीट, अनाज, ड्राई फ्रूट्स, सब्जियों आदि में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है। इनके सेवन से बच्चों में खून की कमी भी नहीं होगी।