Kidney Failure: किडनी फेलियर एक गंभीर स्थिति है, जिसमें किडनी (गुर्दे) अपनी सामान्य कार्यक्षमता खो देती हैं और रक्त से अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त तरल को निकालने में सक्षम नहीं रहतीं। यह स्थिति तब होती है जब किडनी का 85-90% तक काम करना बंद कर देता है। वैसे किडनी फेलियर के दो प्रमुख प्रकार होते हैं। पहला एक्यूट किडनी फेलियर। यह अचानक होता है और जल्दी से ठीक भी हो सकता है अगर सही इलाज किया जाए। वहीं दूसरा प्रकार है क्रोनिक किडनी फेलियर । यह धीरे-धीरे होता है और समय के साथ बिगड़ता जाता है।
हमारी जीवनशैली किडनी फेलियर को काफी हद तक प्रभावित करती है, जैसे, अत्यधिक नमक, चीनी, और प्रोसेस्ड फूड का सेवन किडनी पर दबाव डालता है। उच्च रक्तचाप किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। अनियंत्रित मधुमेह किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। मोटापे से उच्च रक्तचाप और मधुमेह का खतरा बढ़ता है, जो किडनी फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकता है। तो धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। वैसे किडनी की खराबी या फेल होने के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। यहाँ आज हम आपको पांच प्रमुख लक्षण बताने जा रहे हैं, जो संकेत कर सकते हैं कि आपकी किडनी सही से काम नहीं कर रही है,
पेशाब की मात्रा में बदलाव, जैसे कि बार-बार पेशाब आना या पेशाब की मात्रा में कमी होना किडनी फेलियर का कारण हो सकता है। पेशाब में खून, झाग, अत्यधिक पीला आना, थोड़ी थोड़ी देर में आना, गाढ़ा आना या असामान्य रंग भी किडनी की खराबी का संकेत हो सकते हैं। अगर आपको अपने पेशाब में ऐसा कोई भी परिवर्तन देखने को मिलते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
शरीर के विभिन्न हिस्सों में, जैसे कि चेहरे, हाथ, पैर, या टखनों में सूजन महसूस होना। यह सूजन किडनी के ठीक से काम न करने के कारण शरीर में तरल पदार्थों का जमाव हो सकता है। जरूरी नहीं है कि आपको इन्हें जगह पर सूजन महसूस हो कई बार है अन्य जगहों पर भी महसूस हो सकती है, इसलिए कभी भी शारीरिक सूजन को इग्नोर ना करें।
आपकी किडनी जब फेल होने के कगार पर होती है तो आपको निरंतर थकावट, कमजोरी या ऊर्जा की कमी का अनुभव होता है। किडनी की खराबी के कारण शरीर में अपशिष्ट पदार्थों के जमाव से यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है। लेकिन कई बार लोग इसे सामान्य थकावट समझ कर इग्नोर कर देते हैं जो की खतरनाक साबित हो सकती है।
सांस लेने में कठिनाई या सांस फूलना। यह किडनी की खराबी के कारण अतिरिक्त तरल पदार्थ के फेफड़ों में जमा होने के कारण हो सकता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) शब्द पाचन तंत्र से संबंधित है। यह आपके शरीर के उस हिस्से को संदर्भित करता है जो भोजन को पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। मतली, उल्टी या भूख में कमी। इन लक्षणों का कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों की अधिकता हो सकती है, जो किडनी की खराबी के संकेत हो सकते हैं।
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