- वर्ल्ड जूनियर किक बाक्सिंग चैम्पियन शिप में कांस्य पदक विजेता मधु का दर्द छलका
- नवंवर में होने वाली सीनियर किक बाक्सिंग विश्व चैम्पियन शिप में भाारत का प्रतिनिधत्व करेगी मधु
Aaj Samaj (आज समाज), Kickboxing World Champion Ship, प्रवीण वालिया, करनाल, 10 अगस्त :
आज खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर रही है। लेकिन सरकार की योजनाएं धरातल पर बेअसर हो रही हैं। केवल सोर्स वाले खिलाडिय़ों को ही सरकार की योजनाओं का फायदा मिल पाता है। सरकार की योजनाओं की असलियत की पोल झज्जर की खिलाड़ी मधु कुमारी खोलती है। सरकारी सहायता के अभाव में एक महिला खिलाड़ी कुसुम का सपना टूट गया।
वह भी इंटरनैशनल स्तर पर पदक लेकर आई लेकिन सरकार ने उसे प्रोत्साहन नहीं दिया। अब वह नवंवर में विश्व चैम्पियन शिप में खेलने के लिए पुर्तगाल जा रही है। कहीं उसका धन अभाव में यसह सपना नहीं टूट जाए इस लिए उसने सहायता के लिए अपील की है। इंटरनैशनल स्तर पर तक पहुंचने से पहले ही खिलाडिय़ों के सपने टूट जाते हैं। झज्जर की मधु कुमारी ने हाल ही में पंजाब की लवली यूनीवर्सिटी में हुई सीनियर नैशनल चैम्पियन शिप में स्वर्ण पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया। इससे पहले आल इंडिया यूनीवर्सिटी खेलों में रजत पदक जीता इसे पहले दिल्ली में दो से 6 नवंवर 2022 तक आयोजित की गई इंडियन इंटरनैशनल ओपिन किक बाक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
इससे पहले अक्तूबर में आयोजित वर्ल्ड जूनिया चैम्पियन शिप में कांस्य पदक जीता। मधु ने चार साल पहले किक बॉक्सिंग शुरू की। इस अवधि में उसने 21 पदक जिला मंडल और राज्य स्तर पर जीते हैं। वह पंजाब की चित्कारा यूनीवर्सिटी पंजाब में पढ़ रही है। आज मधु और उसका कौच जसवंत सिंह करनाल पहुंचे। उन्होंने एक बातचीत में बताया कि हरियाणा सरकार सफल खिलाडिय़ों को तो मालामाल कर देती है लेकिन सरकार संघर्षशील खिलाडियों की तरफ से मुंह मोड़ लेती है।
हरियाणा में मधु जैसे खिलाड़ी जिनमें ओलिम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक लाने की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन माली आर्थिक हालात के कारण उनका सफर बीच रास्ते में टूट जाता है। औद्योगिक घराने स्वयं सेवी संस्थाएं, राजनेता उन्ही की मदद करते हैं। जो सफल होते है। मधु ने सभी से अपील करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बेटी खिलाओ के साथ इंटरनैशनल स्तर तक पहुंचने के लिए उसकी हर संभव मदद करो।
अब तक दो हजार से अधिक पदक विजेता दे चुके हैं इंटरनैशनल कौच व रैफरी जसवंत सिंह
उन्होंने कहा कि वह चाहती है कि इसलिए किसी खिलाडी का सफर बीच में इस लिए नहीं टूटे कि उसके पास पैसा नहीं है। जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है वह सभी इसी संघर्ष के दौर से गुजरे हैं जहां से वह गुजर रही है। इस अवसर पर मधु के कौच और इंटनैशनल कौच और रैफरी जसवंत ने बताया कि उन्होंने 2006 से कोच के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह देश को एक हजार से अधिक खिलाड़ी दे चुके हैं। जसवंत ने बताया कि वह धन के अभाव में जापान में हुए एशियाड खेलों में शामिल नहीं हो पाया था। वह अपना सपना अपने शिष्यों में देखता है।
वह चाहता है कि उनके खिलाडी इंटरनैशनल स्तर पर देश का नाम रोशन करें। उन्हें लिबर्टी शूज के अलावा क ही से भी सहायता नही मिली है। लिबर्टी के शम्मी बंसल देश में एक मात्र ऐसे उद्योगपति हैं जो खिलाडिय़ों का दर्द समझते हैं। उन्हें श्री बंसल से काफी आाशाएं हैं। उन्होने कहा कि मधु अवश्य ही एशियाड, राष्ट्र कुल और ओलिम्पिक में भाग लेगी। लेकिन इसके लिए सरकार को सहायता देना चाहिए।
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