आज समाज डिजिटल, डा. श्रीकृष्ण शर्मा
जब सरकार सच्चे मन से खेलों को बढावा देने की पहल करती है तो नजीजे भी आते है। इन दिनों खेलों में अगर उपलब्धियां जुड रही हैं या महासंघों की सक्रियता दिखाई दे रही है तो यह सरकार की खेलों के प्रति सोच का ही नतीजा है। केंद्र सरकार ही नहीं इनमें राज्य सरकारे भी खेलों के विकास में आगे बढकर सहयोग दे रही हैं। कुछ राज्य सरकारों ने तो अपनी रूचि और अपने राज्य में खेल की संभावनाओं के मुताबिक खेल का पूरा खर्च उठाने की हामी भर ली हैै। खो खो खेल का भी समय बदलता नजर आ रहा हैं। भारतीय खो खो महासंघ की योजना में इंडियन लीग, एशियाई चैंपियनशिप और वर्ल्ड चैंपियनशिप कराना भी शामिल है। दिल्ली में भारतीय खेल प्राधीकरण के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खो खो का विश्वस्तरीय खेल मैदान मिलना भारतीय खो खो महासंघ की बड़ी सफलता मानी जा रही है। परंपरागत भारतीय खेल खो खो का मैदान मिल जाने से खो खो के खेल संचालन और बड़ी प्रतियोगिता कराने में भारतीय खो खो महासंघ को अब भटकना नहीं पडेगा। कहा यह भी जा रहा है कि यहां के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में एक और खो खो खेल मैदान खिलाडियों के लिए मिलने वाला है। भारतीय खो खो महासंघ के महासचिव महेंद्र सिंह त्यागी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दिल्ली में यह खो खो खेल मैदान देकर भारतीय खो खो महासंघ की एक बडी जरूरत केंद्र सरकार ने पूरी कर दी। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम खो खो खेल को उंचाइयों पर ले जाएं। श्री त्यागी ने कहा कि खो खो का भार उठाने को ओडिशा सरकार तैयार हो सकती है। इस दिशा में काम बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नेशनल खो खो चैंपियनशिप भुवनेश्वर में कराने की बात करते हुए कहा कि खो खो के उच्चस्तरीय आठ मैदान ओडिशा सरकार अपने यहां तैयार करा सकती है जिनका सीधा लाभ ओडिशा के खो खो खिलाडियों को पहले मिलेगा। महासचिव ने अपनी योजनाओं पर कहा की ग्रासरूट लेवल खो खो को मजबूती देने के लिए राज्य संघो को वित्तीय सहयोग देकर साफ कर दिया गया है प्रतियोगिताओं में कम से कम साठ प्रतिशत जिला संघों की भागीदारी सुनिश्चित करें। जहां महासंघ का प्रभारी उपस्थित रहेंगे। जिससे राष्ट्ररीय स्तर पर खेल में गुणात्मक सुधार आएगा। उन्होंने उम्मीद है कि अगले एशियाई खेलों में खो खो के डिमोंट्रेशन के बाद यह इन खेलों में शामिल हो जाएगी। खो खो खेल से जुड़े लोगों का कहना है कि जब से भारतीय खो खो महासंघ को सुधांशु मित्तल अध्यक्ष के रूप में मिले हैं तब से एक के बाद एक योजना अमल में लाई जा रही हैं। नेशनल क्लीनिक,सलेक्शल ट्रायल,और सेमीनार आदि कराने में भी अब दिक्कतो का सामना नहीं करना पडेगा। क्योंकि आर्थिक दबाव से भारतीय खो खो महासंघ अब उबर चुकी है। ऐसे स्टेंडर्ड मैदान की दिल्ली में कमी भी खल रही थी। भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने इस खो खो मैदान का उद्धाटन किया। राष्ट्रीय खेल दिवस पर खो खो खेल के लिए यह बड़ा तौहफा था।
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