Vrindavan Trust Panipat : हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा… की भावना लेकर श्याम प्रेम की अलख जगा रहा है वृंदावन ट्रस्ट

0
187
Vrindavan Trust Panipat
Vrindavan Trust Panipat
  • 17 मार्च काे निकाली जाएगी खाटू श्याम ध्वज यात्रा, 12 जगह होंगे ठहराव
  • वृंदावन ट्रस्ट द्वारा गोसेवा, स्वास्थ्य जांच कैंप, अंध विद्यालय में समय-समय पर दिया जाता है सहयोग
Aaj Samaj (आज समाज),Vrindavan Trust Panipat, पानीपत :
ज़िक्र हुआ जब मेरे श्याम की रहमतों का, 
हमने खुद को खुशनसीब पाया। 
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की,
मेरा श्याम खुद दोस्त बनकर चला आया।।
श्याम बाबा के प्रति ये भावना है वृंदावन ट्रस्ट की। जहां एक ओर आधुनिकता के दौर में आध्यात्मिकता का प्रभाव विलुप्त सा होता नजर आ रहा है, वहीं आज भी आध्यात्मिकता से जुड़े भक्ति भाव रखने वाले लोग समाज में हैं, जो लोगों की भावना भगवान से जोड़ने का काम कर रहे हैं। पानीपत में एक ऐसा ही संगठन है जो हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा… की भावना लेकर लोगों के मन में भगवान श्री कृष्ण के प्रति भावना बैठा रहे है। जी हां वृंदावन ट्रस्ट भक्ति भावना से जुड़े सदस्यों का एक संगठन है, जिसके प्रधान राकेश बंसल, संरक्षक विकास गोयल और महासचिव हरीश बंसल है। ट्रस्ट के महासचिव हरीश बंसल ने बताया कि ट्रस्ट के तत्वावधान में चूलकना धाम पद यात्रा का आयोजन किया जाता है। शुरू में दो बार चुलकाना धाम के लिए यात्रा लेकर जाते थे, फाल्गुनी एकादशी और कार्तिक मास में श्याम बाबा के जन्म दिवस पर। अब साल में एक बार जाते हैं। पानीपत से चुलकाना धाम 21 किलोमीटर है।

 

Vrindavan Trust Panipat
Pradhan Rakesh Bansal

17 मार्च काे गाेहाना राेड के पास फ्लाईओवर से शुरू होगी चुलकाना धाम यात्रा 

प्रधान राकेश बंसल ने बताया कि वृंदावन ट्रस्ट ने आज से 11 वर्ष पहले 2013 में पैदल यात्रा की शुरुआत 32 सदस्यों से की थी। पहले साल में 2 यात्राओं के साथ सिलसिला शुरू हुआ और भक्तों की संख्या बढ़ती गई। अब हर साल 30 हजार से ज्यादा भक्त पैदल चलकर बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। ट्रस्ट इस बार वृंदावन ट्रस्ट द्वारा 17 मार्च काे चुलकाना धाम की यात्रा गाेहाना राेड के पास फ्लाईओवर के नीचे से शुरू की जाएगी। इन दिनों श्याम बाबा फाल्गुन महोत्सव के भक्ति का रंग श्रद्धालुओं पर पूरी तरह से चढ़ा हुआ है। जिसके चलते 31 हजार से ज्यादा भक्तों की उम्मीद है।

 

Vrindavan Trust Panipat
Mahasachiv Harish Bansal

21 किलोमीटर के अंतराल में 12 बड़े पड़ाव रहेंगे

संरक्षक विकास गोयल बताया कि संस्था द्वारा 31 हजार ध्वजा सूरत से मंगवाए गए हैं, जिन्हें झंडे का रूप दिया जा रहा है। इस बार अभी तक 15 हजार से ज्यादा भक्तों ने यात्रा में चलने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इस बार संस्था की ओर से 21 किलोमीटर के अंतराल में 12 बड़े पड़ाव रहेंगे, जहां पर भक्तों के आराम करने के साथ-साथ खाने-पीने की व्यवस्था हाेगी। संस्था के प्रधान राकेश बंसल, संस्थापक विकास गोयल ने बताया कि चुलकाना में हारे के सहारे बाबा श्री श्याम खाटू वाले का धाम है। इसकी मान्यता है कि महाभारत काल में इसी जगह पर श्याम बाबा का शीश रखा गया था। अनादिकाल से ही भक्त धाम पर पहुंचकर फाल्गुन की जयंती पर ध्वजा के रूप में निशान अर्पित करते हैं।

 

 

Vrindavan Trust Panipat
Sanrakshak Vikas Goyal

जो भी खाटू श्याम की पूजा करेगा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी

उल्लेखनीय है कि चुलकाना गांव के श्री श्याम बाबा मंदिर में हर वर्ष फाल्गुन महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिसमें आसपास के क्षेत्रों सहित देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं। जानकारी देते हुए वृंदावन ट्रस्ट के प्रधान राकेश बंसल ने बताया कि श्याम बाबा मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसका संबंध पांडव भीम के पौत्र बर्बरीक के साथ है। पौराणिक कथा अनुसार भगवान कृष्ण ने उनसे शीश का दान लिया था इसलिए उन्हें महान शीश दानी भी कहा जाता है। मान्यता है कि सरस्वती में उनका शीश वर्तमान चुलकाना धाम तथा धड़ राजस्थान के खाटू पहुंचा था। कृष्ण ने उन्हें वर दिया था कि जो कलयुग में जो भी खाटू श्याम की पूजा करेगा उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
ट्रस्ट यात्रा अलावा अन्य सामाजिक कार्यों में सक्रिय 
हरीश बंसल ने बताया कि वो पहली बार 2011 में वृंदावन गए थे, 2013 में पैदल यात्रा की शुरुआत की। 2014 में वृंदावन ट्रस्ट बनाया। 2016 में फिर वृंदावन ट्रस्ट के नाम से इसे रजिस्टर्ड कराया गया। उन्होंने बताया कि संजय गोयल, जोगिंदर कुंडू, आशीष गर्ग, बलदेव गांधी, पुनीत गर्ग, राहुल गुप्ता, नवीन गर्ग, गोरव बंसल, यीशु गोयल, सुनील रावल, दिनेश गर्ग, विशाल गुप्ता, मुकेश गोयल, प्रिंस जैन, प्रमोद मित्तल, वरुण सिंगल सहित ट्रस्ट के सभी कार्यों में सहयोग करते आ रहे हैं। ट्रस्ट द्वारा हर महीने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने जाते हैं। इसके अलावा नवरात्रों में प्रसाद बांटना, गोसेवा, गीता जयंती, अंध विद्यालय समय-समय पर सहयोग करते हैं। ट्रस्ट द्वारा स्वास्थ्य जांच कैंप भी लगवाए जाते हैं।