यमुना एक्सप्रेसवे पर आए दिन हादसों की खबर आ रही है। इस हाईवे पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी है बीते मंगलवार को भी एक कार हादसा हुआ जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई। जिसेलेकर पुलिस ने जेपी इंफ्राटेक, उसके इनसॉल्वेंसी रिसोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) व यमुना एक्सप्रेसवे के संचालन व रखरखाव के लिए बनी समिति (आईएमसी) के खिलाफ बीटा-2 कोतवाली में मामला दर्ज कर लिया है। बुधवार देर रात यीडा सीईओ के आदेश पर वरिष्ठ प्रबंधक विशेष त्यागी की तहरीर पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह ने कहा कि मामला धारा-283, 431 व 7 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। आईआरपी अनुज जैन की गिरफ्तारी के लिए गुरुग्राम स्थित दफ्तर में पुलिस ने दबिश दी लेकिन वह फरार हो गया। यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में मंगलवार को हुए हादसे में कार सवार सात लोगों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना केबाद यीडा का मानना है कि अगर इस जगह सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर लगे होते तो इस भयंकर हादसे को रोका जा सकता था। यीडा ने यमुना एक्सप्रेस वे पर लगातार हो रहे हादासों के लिए आईआरपी अनुज जैन और गठित की गई प्रबंधन समिति को दोषी माना है। यमुना एक्सप्रेस वे के नोडल अधिकारी वीके त्यागी ने थाना बीटा-2 मेंतहरीर दी जिसमें प्राधिकारण के वरिष्ठ प्रबंधक ने कहा कि एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी के एनसीएलटी में जाने से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का बोर्ड भंग हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए अनुज जैन को आईआरपी नियुक्त कर दिया। साथ ही प्रबंधन समिति गठित कर दी थी। अब कामकाज यही देख रहे हैं। करीब ढाई साल पहले प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेसवे का सुरक्षा आॅडिट कराकर हादसों को रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए थे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी आॅन रोड सेफ्टी ने भी इन उपायों को अपनाने के लिए कहा था। लेकिन इन सुझावों पर अमल नहीं किया गया। हर बैठक में इसके बारे पूछा गया। प्राधिकरण के पूछने पर हर बार लापरवाही बरतते हुए कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल कर दिया गया। यहां यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलावाड़ किया जा रहा है। थाने में दी गई तहरीर में कहा गया कि मंगलवार रात मथुरा जिले में जो हादसा हुआ है, अगर डिवाइडर में क्रैश बैरियर लगे होते तो गाड़ी दूसरी लेन में नहीं जाती।