कहा, प्रदर्शन का हक सभी को, लंबे समय तक सड़क बाधित रखना सही नहीं
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
Farmers Movement कृषि कानूनों के विरोध में पिछले लगभग एक वर्ष से देश भर के किसान राजधानी के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच इस मामले में कई दौर की बात भी हुई लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आ पाया। किसानों के लगातार प्रदर्शन से वाहन चालकों, स्थानीय लोगों और दुकानदारों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है।
आंदोलन के चलते हजारों लोगों के व्यवसाय चौपट हो चुके हैं। वहीं कई बार स्थानीय लोग आंदोलन को लेकर कोर्ट का रुख भी कर चुके हैं। हरियाणा के बॉर्डर पर रुकावट होने के चलते हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त किसान मोर्चा के तहत 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की अर्जी दाखिल की थी।
Farmers Movement गुरुवार को हुई याचिका पर सुनवाई
गुरुवार को इसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन अनिश्चित काल के लिए सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि सड़कों को विरोध करने वाले किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने जाम किया है
Farmers Movement हाईवे और सड़कों को बाधित न करें
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि हाईवे और सड़कों को जाम नहीं किया जाना चाहिए, कानून पहले ही तय किया जा चुका है। हम इसे बार-बार नहीं दोहरा सकते हैं। इसे लागू करना कार्यपालिका का कर्तव्य है। जस्टिस एस के कौल ने कहा कि न्यायपालिका कार्यपालिका पर अतिक्रमण नहीं कर सकती है। किसानों को सरकार से शिकायत हो सकती है, लेकिन सड़क पर फंसी जनता को भी उनसे शिकायत है।
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