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Farm Laws News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुभ अवसर पर तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया। सरकार ने यह भी दावा किया कि आगामी संसद में शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में इन तीनों कानूनों को औपचारिक रूप से खत्म कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने 3 नए कृषि कानून को ऐसे ही वापस लेने की घोषणा नहीं कि इसके पीछे आंदोलनरत किसानों ने कठिन संघर्ष किया।
इन किसानों ने उत्तर भारत में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड झेली। अप्रैल माह से जुलाई तक दिल्ली में शरीर झुलसा देने वाली प्रचंड गर्मी झेली और यहां तक कि खुले आसमानों के नीचे आंधी-तूफान का सामना करते हुए बारिश में भीगते हुए आंदोलन को जारी रखा। तब आकर 19 नवंबर 2021 इतिहास के पन्नों पर दर्ज हुआ। भले ही किसानों के नए कृषि कानून वापस हो गए हों, लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि विगत साल में किसानों और सरकारों ने क्या-क्या हुआ।
सरकार संसद में अध्यादेश लेकर आई (Farm Laws News )
14 सितंबर 2020 को केंद्र की मोदी सरकार देश की संसद में तीन नए कृषि कानूनों पर पहली अध्यादेश लेकर आई और सरकार ने दावा किया कि तीनो नए कृषि कानून के बनाने के बाद देश के किसानों की आय दुगानी होगी और उनके जीवन के एक क्रांति आएगी।
पहली बार आया लोकसभा में बिल (Farm Laws News)
केंद्र सरकार ने 17 सितंबर 2020 को लोकसभा में इस बिल को पेश करते हुए एक एक बिंदू पर विस्तार से चर्चा की। बिल पेश के दौरान विपक्षीय दल के लोगो ने भारी हंगामा किया लेकिन वहां पर सरकार के पास सदस्यों संख्या बल अधिक होने से यह बिल पास हो गया है।
बिल पर राज्यसभा में हुआ हंगामा (Farm Laws News)
14 सितंबर 2020 को लोक सभा से 3 नए कृषि कानून पास होने के बाद चर्चा के लिए राज्यसभा में 20 सितंबर केंद्र सरकार ने पेश किया। यहां पर भी सरकार ने बिंदुवार तरीके से इस बिल पर चर्चा की और विपक्षीय दलों के सदस्यों ने सरकार ने इस बिल को किसान विरोध बताते हुए इसका विरोध किया। नौबत यहां तक आ गई थी विपक्षीय दलो के लोगो ने सभापति के ऊपर बिल की काफियों फटकर विरोध करते हुए उन पर फेक दी। हालांकि सरकार यहां पर सदस्यों की संख्याबल कम होने के बावजूद राजनीतिक समीकरण बैठाते हुए इस बिल को पास करा लिया।
किसान संगठनों का बढ़ा विरोध (Farm Laws News)
केंद्र सरकार के बनाए गए 3 नए कृषि कानून के बाद 25 सितंबर 2020 से पहली बार किसानों संगठनों ने सरकार के इस कदम का विरोध करने का ऐलान कर दिया और किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी बना कर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया।
राष्ट्रपति ने दी हरी झंडी (Farm Laws News)
देश की दोनों संदनों से कृषि कानून बिल पास होने के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष पेश किया। राष्ट्रपति कोविंद ने 27 सितंबर 2020 को इन बिलों पर हस्ताक्षर करते हुए इन्हें कानून की शक्ल दे दी। इसके बाद से देश में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता गया और वह प्रदर्शन की शक्ल ले ली।
किसान संगठन ने शुरू किया दिल्ली चलो आंदोलन (Farm Laws News)
देश मे कृषि कानून लागू होने के बाद से पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने इस बिल पर सबसे ज्यादा विरोध किया। 25 नवंबर 2020 को कृषि कानून के खिलाफ बने किसान सगठनों ने दिल्ली चलो आह्वान किया।
किसानों व पुलिस का हुआ आमना सामना (Farm Laws News)
दिल्ली चलो आह्वान के बाद किसान सगठन दिल्ली की ओर विरोध प्रदर्शन के लिए चल दिए। यहां 26 नंवबर 2020 को किसान संगठनों व पुलिस का पंजाब, हरिणाया व उत्तर प्रदेश की पुलिसों के साथ आमना-सामना हुआ। इन राज्यों की पुलिसों ने आंदोलनरत किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोड़े।
बाचतीच का दौर शुरू (Farm Laws News)
3 दिसंबर 2020 से किसानों व केंद्र सरकार से बातचीत का दौरा शुरू हुआ। केंद्र सरकार व किसानों की पहली दौर की वार्ता बेनतीजा निकली। 5 दिसंबर 2020 को फिर से किसानों और सरकार के बीच दूसरे दौर की वार्ता शुरू हुई। इसमें भी किसानों और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बनी।
भारत बंद का आह्वान (Farm Laws News)
केंद्र सरकार के साथ दो दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद किसान संगठनों ने 8 दिसंबर 2020 को भारत बंद करने का ऐलान किया। इस दौरान पूरे देश में इस भारत बंद का मिला-लुजा असर देखने को मिला।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई (Farm Laws News)
11 दिसंबर 2020 को कृषि कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिखा डाली गई। 7 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की सहमति जताई। 11 जनवरी 2020 सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी गठन करने को कहा और 12 जनवरी 2020 को इस याजिका पर सुनवाई करते हुए इन कृषि कानूनों को स्थगित कर दिया।
दिल्ली में हुई हिंसा (Farm Laws News)
26 जनवरी 2021 को देश गणतंत्र दिवस मना रहा था और किसानों ने इस दौरान केंद्र सरकार को अपना विरोध जताने के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड की तर्ज पर दिल्ली सटी सीमाओं पर अपनी ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते थे। प्रशासन ने किसानों को शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड रैली निकालने की अनुमति दे दी। जिसके बाद किसानों ट्रैक्टर परेड निकाली लेकिन इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया। यहां तक कि दिल्ली के लाल किले में झंडा तक उतार दिया।
रिहना व थनबर्ग ने किया अपना समर्थन (Farm Laws News)
कृषि कानून के विरोध की आंच धीरे-धीरे देश की सीमा पार करते हुए विदेशों तक पहुंच गई। 2 फरवरी 2021 को विदेशी सिंगर रिहाना व क्लामेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए ट्विटर ट्वीट किए। 5 जनवरी 2021 को क्लामेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किये गए ट्वीट में ट्लकिट को लेकर उनके क्रिएटर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
- 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली हुई हिंसा के मामले में 9 फरवरी 2021 को पंजाबी एक्टर दीप सिंह सिंधु गिरफ्तार कर लिए गए।
- टूलकिट एडिटिंग मामले में 21 वर्षीय क्लामेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गरिफ्तार कर लिया गया। वहीं 23 फरवरी 2021 को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि को जमानत दे दी।
- 5 मार्च 2021 को पंजाब विधानसभा में तीनों नए कृषि कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।
विपक्षीय दलो ने बुलाई बैठक - केंद्र सरकार ने कृषि कानून के खिलाफ 7 अगस्त 2021 को संसद में किसान आंदोलन को लेकर एक बैठक बुलाई।
- 28 अगस्त 2021 को हरियाणा पुलिस ने करनाल नें किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुई। 7 सितंबर 2021 को कई किसान करनान में प्रदर्शन के लिए रवाना हुए। वहीं 11 सितंबर 2021 को हरियाणा की खट्टर सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज के मामले की जांच करने की बात कही।
- उत्तर प्रदेश के लखीमीपुर खीरी में 3 अक्टबूर 2021 को किसानों व बीजेपी नेताओं की बीच झड़प हुई। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर यह आरोप लगा कि उनकी गाड़ियों ने किसानों को रौंद दिया। इस घटना में 4 किसानों समेत कुछ 8 लोगों की मौत हुई। 14 अक्टूबर 2021 को केंद्रीय मंत्री अजय टोनी के बेटे आशीष मिश्रा को जेल भेजा दिया गया। वहीं 17 नवंबप 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के रिटायज जज को लखीमीपुर खीरी हिंसा के मामले की मॉनिटरिंग करने के लिए नियुक्त किया।
- आखिर वह दिल भी आ गया जब 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह देश के नाम संबोधन में इन तीनों कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया। इसे आगामी सत्र में वापस ले लिया जाएगा।
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