Jind News: सहमति से संबंध के विरोध में जींद की खाप पंचायतें

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सहमति से संबंध के विरोध में जींद की खाप पंचायतें
सहमति से संबंध के विरोध में जींद की खाप पंचायतें

कानून खत्म करने के लिए सीएम से मिलेंगी

Jind News (आज समाज) जींद: हरियाणा के जींद जिले की खापों के बनाए गए अध्यक्ष मंडल की बैठक शनिवार को जाट धर्मशाला में हुई। बैठक में सहमति संबंध, प्रेम विवाह तथा गांव-गोहांड में शादी को लेकर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि खापों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इन तीनों कानूनों को खत्म करने की मांग करेगा। इसके अलावा हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की भी मांग की जाएगी। इससे पहले भी जिले की खाप पंचायतें सरकार से हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग कर चुकी हैं। अध्यक्ष मंडल के महासचिव एवं माजरा खाप के प्रधान गुरविंदर सिंह संधु, प्रेस प्रवक्ता उमेद सिंह जागलान, दाड़न खाप के प्रधान सुरजन, कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला, कालवा तपा के प्रधान दिलबाग कुंडू, बिजनौर मलिक, ईश्वर नैन ने कहा कि लिव इन रिलेशनशिप जैसे कानून ने समाज को परेशान कर दिया है। इस प्रकार के कानून खत्म होने चाहिए। यह भारतीय परंपरा के खिलाफ है। इसके अलावा प्रेम विवाह करते समय माता-पिता की मंजूरी जरूरी होनी चाहिए। ऐसे कानूनों से माता-पिता को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। वहीं गांव-गोहांड में शादी नहीं होनी चाहिए। इससे भाईचारा खत्म हो रहा है। अध्यक्ष मंडल ने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलने का समय लिया जाएगा और उनसे इन कानूनों को रद्द करवाने की मांग की जाएगी।

10 साल से की जा रही हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग

जिले की खाप पंचायतें दस साल से हिंदू मैरिट एक्ट में बदलाव की मांग कर रही हैं। सहमति संबंध में रहने के विरोध में तो जिले में काफी पंचायतें भी हो मुखर हो चुकी हैं। इसके अलावा आसपास के गांवों तथा एक ही गोत्र में शादी पर रोक की मांग भी कर चुकी हैं, लेकिन आज तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। लगभग सभी खापें पंचायत कर चुकी हैं। दो साल पहले जाट धर्मशाला में सर्वजातीय सर्वखाप की पंचायत हुई थी, जिसमें हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग की गई थी, लेकिन आज तक यह बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। अब एक बार फिर से खाप पंचायतें सहमति संबंध के विरोध में खड़ी हो गई हैं। अब खाप पंचायतों की मांग है कि वह प्रेम विवाह से विरोधी नहीं है, लेकिन इसमें माता-पिता की सहमति जरूर होनी चाहिए। इसके अलावा एक गोत्र में भी विवाह नहीं होना चाहिए। अब देखना यह है कि खाप पंचायतें मुख्यमंत्री से मिलकर इस संबंध में कितना दबाव बना पाती हैं।

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