नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान केबीच वैसे तो रिश्ते बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैंविशेष तौर पर 14 फरवरी को सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी जिसके बाद रिश्तों में और तल्खी आ गई थी। अब केवल करतारपुर कॉरिडोर ही ऐसा प्रोजेक्ट है जिस पर भारत पााकिस्तान के अधिकारी मिलकर बातचीत कर रहे हैं और डायलॉग हो रहे हैं। अब इन दोनों देशों के बीच इस कारिडोर को लेकर दूसरे राउंड की अहम बातचीत होने में अब केवल एक दिन का समय बचा है। ऐसे में पाकिस्तान ने भारत के दबाव के आगे झुकते हुए मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खास गुर्गे और खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) से बाहर कर दिया है। चावला अब करतारपुर कमेटी का भी सदस्य नहीं रहा। भारत ने करतारपुर कमेटी में चावला को शामिल किए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया था। इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दो अप्रैल, 2019 को होने वाली बाचतीत को रद्द कर दिया था। इसके बाद रविवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने चावला को कमेटी से हटा दिया है।
पीएसजीपीसी पाकिस्तान में स्थित सभी गुरुद्वारों की देखरेख करती है। जिसमें करतारपुर गुरुद्वारा और कॉरिडोर भी शामिल है। पीएसजीपीसी सदस्यों से संबंधित अधिसूचना पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार देर रात जारी की है। नई अधिसूचना में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चार सदस्य, उत्तरी खैबर पख्तूख्वा के तीन, सिंध के दो और बलूचिस्तान के एक सदस्य का नाम शामिल हैं।