पंजाब के बाद केजरीवाल का निशाना होगा हरियाणा, यहां नहीं जमे पांव Kejriwal’s Target Will Be Haryana

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Kejriwal's Target Will Be Haryana
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Kejriwal’s Target Will Be Haryana

आज समाज डिजिटल, अंबाला:
Kejriwal’s Target Will Be Haryana : दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की धाक जमाने के बाद अब केजरीवाल का अगला निशाना हरियाणा होगा। यहां दो बार विधानसभा चुनाव में जोर-अजमाइश कर चुकी आम आदमी पार्टी की वापसी के आसार की उम्मीद प्रबल दिख रही है।  पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन यहां जमानत भी नहीं बची थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी आप ने कुछ सीटों पर ताल ठोकी, लेकिन कोई भी हरियाणा विधानसभा के दर्शन नहीं कर पाए।

अब हरियाणा में सक्रियता की संभावना प्रबल

पंजाब विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बाद अब पार्टी फिर से हरियाणा में पांव पसारने की कोशिश करेगी। हरियाणा आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का गृह प्रदेश भी है, जिसका वह फायदा उठाना चाहेंगे। इसकी कोशिश हालांकि, वह पहले कर चुके हैं, लेकिन मनमाफिक सफलता नहीं मिल पाई। आप के पास हरियाणा में कोई बड़ा चेहरा नहीं है, न ही धरातल पर संगठन है।

निष्क्रियता से सक्रिय हो चुके नवीन जयहिंद

हरियाणा में अन्य दलों की भांति आप में भी गुटबंदी है। इस गुटबंदी में प्रमुख नाम डा. नवीन जयहिंद और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुशील गुप्ता हैं। नवीन एक-डेढ़ साल तक निष्क्रय रहने के बाद फिर राजनीति में सक्रिय हुए हैं। जबकि गुप्ता बतौर प्रभारी पार्टी गतिविधियां चला रहे हैं। वह नवीन जयहिंद को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नहीं मानते। इसे लेकर अनेक बार टकराव की स्थिति भी पैदा हो चुकी है। केजरीवाल को प्रदेश में पंजाब और दिल्ली की तरह इस गुटबाजी से भी निपटना होगा।

लाने होंगे दमदम नए चेहरे

जयहिंद की गिनती केजरीवाल के करीबियों में होती है। वह जयहिंद को अपनी कार भी रोहतक में लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान दे चुके हैं। उनके खिलाफ जब पिछला लोकसभा चुनाव हारने पर पार्टी के कुछ लोकसभा अध्यक्षों ने आवाज उठाई थी, तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। केजरीवाल को हरियाणा में दमखम दिखाने के लिए नई बिसात बिछानी होगी, साथ ही बड़े चेहरे साथ लाने पड़ेंगे।

यह था 2014 लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन

2014 लोकसभा चुनाव में आप को हरियाणा में 4.24 प्रतिशत वोट मिले थे। अंबाला लोकसभा में पार्टी का वोट प्रतिशत 5.22, भिवानी-महेंद्रगढ़ में 2.15, फरीदाबाद में 5.96, गुरुग्राम में 6.02, हिसार में 2.46, करनाल में 2.69, कुरुक्षेत्र में 2.87, रोहतक में 4.48, सिरसा में 5.23 और सोनीपत में 4.93 फीसदी रहा था।

2019 में जजपा के साथ लड़ा था चुनाव

हरियाणा में आप ने जींद का विधानसभा उपचुनाव और 2019 में लोकसभा चुनाव दुष्यंत चौटाला की जजपा के साथ मिलकर लड़ा था। जींद में तो दोनों दलों के संयुक्त प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला दूसरे स्थान पर रहे, लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन खराब रहा। आप के हिस्से में अंबाला, करनाल और फरीदाबाद सीटें आई थीं। तीनों सीटों पर आप को दो प्रतिशत से भी कम वोट मिले। अंबाला से प्रत्याशी पूर्व डीजीपी पृथ्वी राज को 12302, करनाल में कृष्ण कुमार अग्रवाल को 22084 व फरीदाबाद में नवीन जयहिंद को 11112 वोट ही मिल पाए थे।

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