Kejriwal should not register politics on raw colonies: कच्ची कॉलोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए केजरीवाल

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 नई दिल्ली। दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि हमें कच्ची कॉलोनियों पर राजनीति नहीं रजिस्ट्री चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरें आ रही हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर फोटो खिंचाने की तैयारी है। यह तो पूरी तरह से धोखा और दिखावा है। केजरीवाल का कहना है कि मेरी फिर से केंद्र सरकार से अपील है, दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले हर व्यक्ति के हाथ में रजिस्ट्री दी जाए। इसपर सिर्फ राजनीति न हो।
सीएम का कहना है कि सिर्फ सौ लोगों को रजिस्ट्री देकर अन्य लोगों को चुनाव बाद रजिस्ट्री देने की बात हो रही है। यह काम तो कई दशकों से हो रहा है। चुनाव में रजिस्ट्री देने का वादा होता है। चुनाव बाद फिर अगले चुनाव में आने को कह दिया जाता है। उन्होंने कहा कि कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले यह सब कई वर्षों से देख रहे हैं। उन्हें फिर चुनाव दर चुनाव के छलावे में रखना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार को कॉलोनियों को वैध घोषित कर तीन दिन में सभी को रजिस्ट्री देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर देनी चाहिए।
बुधवार को सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कुल 1797 कॉलोनियां हैं। हमारी सरकार ने कच्ची कॉलोनी में सड़क, सीवर, पानी,नाली आदि पर 2009-2014 के बीच 1186 करोड़ रुपये तो 2015-2019 के बीच 8147 करोड़ खर्च किए।
भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए कहा कि भाजपा कच्ची कॉलोनी में वोट मांगने लायक नहीं बची, इसलिए चुनाव से पहले उसको कच्ची कॉलोनी याद आई है।

सौ या पांच सौ को नहीं, पूरी दिल्ली को दें रजिस्ट्री: केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि अखबारों में कच्ची कॉलोनियों को ले कर छपी खबरों ने एक बात सामने आ रही है कि केंद्र सरकार की इस पूरे प्रक्रिया के अंत में, चुनाव से पहले सिर्फ 100 या 500 लोगों को रजिस्ट्री दिलवाई जाएगी। रजिस्ट्री दिलवाने का महज सांकेतिक काम किया जाएगा। खबरों के मुताबिक भाजपा चुनाव के बाद ही अन्य लोगों को रजिस्ट्री देगी। इससे ये सवाल उठता है की ये 100 या 500 लोग कौन होंगे? और दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोग जो रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं उनका क्या कसूर? उनको क्यों नहीं मिलनी चाहिए रजिस्ट्री? इससे ये साफ होता है की भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल रही है। कांग्रेस ने 2008 के चुनाव से ठीक पहले इसी तरह से प्रोविजनल सर्टिफिकेट बांटे थे। भाजपा सौ लोगों की रजिस्ट्री कराकर जनता के आंखों में धूल झोकने का काम करने जा रही है। इससे साफ है कि भाजपा की नियत खराब है। यह सिर्फ चुनावी दाव है। भाजपा लोगों की रजिस्ट्री कराना नहीं चाहती। वह लोगों को सिर्फ बेवकूफ बनाने में लगी है।