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सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विरोधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। केजरीवाल ने कहा कि एसवाईएल को लेकर पंजाब-हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा का आखिर स्टैंड क्या है? इस बारे में बताएं। पंजाब में यह कहते हैं कि एसवाईएल नहर किसी भी कीमत पर बनने नहीं देंगे और हरियाणा में कहते हैं नहर का पानी लेकर रहेंगे। यह लोग दोगली राजनीति करते हैं।
हरियाणा और पंजाब को पानी मिल सकता है
दिल्ली सीएम ने कहा कि यह संभव है कि हरियाणा और पंजाब को पानी मिल सकता है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह इसका इंतजाम करें। अगर उनके पास इस मुद्दे का समाधान नहीं है तो मुझे बुलाया जाए मैं बताऊंगा। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पानी का स्तर बहुत कम है। अब केंद्र पंजाब और हरियाणा के लिए पानी का इंतजाम करे।
CM मान बोले- केंद्र समस्या का हल निकाले
वहीं इस दौरान सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा कि हम बैठक के लिए तैयार हैं, लेकिन केंद्र का फर्ज बनता है कि इस समस्या का समाधान करे। यह नहीं कि मीटिंग कराएं और फिर उन्हें अपना बयान देने के लिए छोड़ दें। केंद्र राज्यों पर बहुत कुछ थोपती है तो इसे हल कराना चाहिए।
आखिर क्या है एसवाईएल नहर का विवाद
आपको बता दें कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में तत्कालीन कांग्रेस की सरकार थी। वहीं केंद्र में भी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुआई की कांग्रेस सरकार थी, जिन्होंने यह नहर बना पानी बांटने का फैसला किया था लेकिन वर्ष 1982 में विवाद उस समय बढ़ा, जब पटियाला के कपूरी में SYLनहर बनाने का उद्घाटन कर दिया गया।
1985 में राजीव लौंगोवाल समझौता भी हुआ, उसमें भी ट्रिब्यूनल बना, लेकिन नहर का मुद्दा हल नहीं हुआ। बताया गया है कि जिस समय नहर का निर्माण शुरू किया गया था तो तब इसके इंजीनियर्स का भी मर्डर कर दिया गया था, जिसके बाद इसका काम रुक गया। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
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