आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले हो रही कार्रवाई को लेकर विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में केंद्र की भाजपा सरकार को जमकर घेरा। केजरीवाल ने कहा कि भाजपा का गुजरात का किला खतरे में है और टूट रहा है। आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव के कारण ही हम पर ईडी और सीबीआई के छापे डलवाए जा रहे हैं। ये लोग हर हाल में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये गुजरात चुनाव तक हमारे खिलाफ ऐसे ही झूठे मामले गढ़ते रहेंगे।
विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा जीएसटी कलेक्शन, पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कर रही
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि इन्होंने कई राज्यों में 277 विधायकों की खरीद पर 5,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह पैसा कहां से आया? विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा जीएसटी कलेक्शन, पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल कर रही है। जब महाराष्ट्र की सरकार गिरानी थी तब इन्होंने दूध, छाछ, दही पर जीएसटी लगा दिया। जनता को पीसकर अरबपतियों के पैसे माफ कर रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि यह कहा जा रहा है कि उन्होंने कई विधायकों को तोड़ दिया। मुझे फोन आए, लोगों ने मुझसे पूछा कि क्या सब ठीक है। मैं लोगों को यह दिखाने के लिए सदन में एक विश्वास प्रस्ताव लाना चाहता हूं कि हमारा एक भी विधायक नहीं गया। भाजपा का ऑपरेशन लोटस यहां श्ऑपरेशन कीचड़श् बन गया।
दिल्ली की AAP सरकार के खिलाफ तमाम देश विरोधी ताकतें एक साथ
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की श्आपश् सरकार के खिलाफ तमाम देश विरोधी ताकतें एक साथ आ गई हैं, हमारी सबसे लोकप्रिय सरकार है, ये ताकतें हमें तोड़ना चाहती हैं, लेकिन हमारे सभी विधायक एकजुट हैं। वे गुजरात चुनाव तक हमारे खिलाफ झूठे मामले गढ़ेंगे। सीबीआई को मनीष सिसोदिया के घर 14 घंटे तक चले छापे के दौरान एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिली और तो और छापे का खर्च भी नहीं निकल सका। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा कि उपराज्यपाल ने अब हमारे स्कूलों की जांच शुरू की है, वे स्कूलों, अस्पतालों में किए जा रहे अच्छे कामों को रोकना चाहते हैं। वहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सिंगापुर में महापौरों को दिल्ली सरकार के अच्छे कामों के बारे में बताने के लिए संबोधित करने से उन लोगों द्वारा रोका गया, जो देश की प्रगति के खिलाफ हैं। निहित स्वार्थों की वजह से अब दिल्ली सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है।
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