आज समाज डिजिटल, जींद :
Keeping the dead body jammed on the National Highway: गांव पेगां काला पीर डेरे के महंत की संदिग्ध मौत के मामले में रविवार को ग्रामीण बिफर गए और आरापितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर महंत के शव को जींद-कैथल नेशनल हाइवे पर रख कर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने चेताया कि जब तक आरोपित गिरफ्तार नहीं होते तब तक महंत को समाधी नहीं दी जाएगी।
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डीएसपी पहुंचे ग्रामीणों के बीच Keeping the dead body jammed on the National Highway
जाम लगने की सूचना मिलने पर डीएसपी जितेंद्र पुलिसबल के साथ ग्रामीणों के बीच पहुंचे और निष्पक्ष जांच, एसआईटी के गठन तथा सुरक्षा का आश्वासन दिया। बावजूद इसके ग्रामीण आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अडे रहे। जाम को देखते हुए पुलिस ने वाहनों को डायवर्ट कर दिया। बावजूद इसके काफी संख्या में वाहन जाम में फंसे रहे।
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17 दिसंबर रात को संदिग्ध हालात में हुई थी मौत Keeping the dead body jammed on the National Highway
गौरतलब है कि गांव पेगां काला पीर डेरे के महंत शब्दाईनाथ की गत 17 दिसंबर रात को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। उन्होंंने कोई जहरीला पदार्थ निगला हुआ था। साथ में फांसी का फंदा भी लटका हुआ था। शब्दाईनाथ ने चार पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा हुआ था। जिसमें गांव कोथ कलां काला पीर डेरे के महंत शुक्राईनाथ, डेरा हरिद्वार के महंत चेताई नाथ, मिर्चपुर चौंकी के एएसआई बालकिशन, हवलदार अशोक पर परेशान करने के आरोप लगाए गए। साथ ही अपने बेटे संडील डेरे के महंत नंदाईनाथ की जान को खतरा भी बताया। चारों पर षडंत्र के तहत मुकद्में में फसाने तथा जेल भिजवाने के आरोप भी लगाए गए।
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आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज Keeping the dead body jammed on the National Highway
अलेवा थाना पुलिस ने सुसाइड नोट को आधार मान मृतक के बेटे महंत नंदाई नाथ की शिकायत पर महंत शुक्राई नाथ, डेरा हरिद्वार के महंत चेताई नाथ, मिर्चपुर चौंकी के एएसआई बालकिशन, हवलदार अशोक के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया है। रविवार को काफी देर तक इंतजार करने के बाद जब पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी का ठोस आश्वासन नहीं मिला तो ग्रामीण महंत शब्दाई नाथ के शव को लेकर गांव के बस अड्डे पर पहुंच गए और शव को जींद-कैथल नैशनल हाइवे पर रख कर जाम लगा दिया।
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बक्शे नहीं जाएंगे दोषी : डीएसपी Keeping the dead body jammed on the National Highway
ग्रामीणों का कहना था कि गांव कोथ कलां डेरे गद्दी हथियाने के लिए षडयंत्र के तहत शब्दाई नाथ व उसके महंत बेटे नंदाईनाथ को मुकद़में में फंसा कर जेल भिजवा दिया था। तीन दिन पहले भी कोथ कलां से लौटते समय महंत शब्दाई नाथ के साथ मारपीट की गई थी। जिसकी शिकायत पुलिस से की गई थी। खफा शब्दाईनाथ को इंसाफ नही मिला तो उन्होनें ने परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
डीएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने निष्पक्ष जांच, एसआईटी के गठन, महंत नंदाईनाथ को सुरक्षा की मांग की थी। उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। बाद में ग्रामीण गिरफ्तारी की तत्काल मांग पर अड गए और शव को सड़क पर रख कर जाम लगा दिया। उन्होंने साफ कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष की जाएगी और जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों को किसी सुरत में नही बक्शा जाएगा।