Kathua Search Operation: कठुआ हमले में संलिप्त आतंकियों के सफाये के लिए जंगल में उतारे पैरा कमांडो

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Kathua Search Operation कठुआ हमले में संलिप्त आतंकियों के सफाये के लिए जंगल में उतारे पैरा कमांडो
Kathua Search Operation : कठुआ हमले में संलिप्त आतंकियों के सफाये के लिए जंगल में उतारे पैरा कमांडो

Kathua Attack Search Operation Update, (आज समाज), श्रीनगर: कठुआ हमले में संलिप्त आतंकियों को नेस्तनाबूद करने के लिए सेना का तलाशी अभियान लगातार जारी है और आज दहशतगर्दों को ढूंढ निकालने के लिए सुरक्षाबलों ने बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार सर्जिकल आपरेशन के लिए सेना के पैरा कमांडो जंगल में उतारे गए हैं। इसके अलावा आतंकियों को ढूंढ  निकालने के लिए चॉपर और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। सुरक्षा बलों ने बुधवार को तीसरे दिन भी बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया। खराब मौसम और भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद सुरक्षाबल जुटे रहे।

पंजाब व जम्मू-कश्मीर डीजीपी के बीच बैठक

कठुआ जिला पुलिस लाइन में इस समय जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन व पंजाब डीजीपी के अलावा सेना और खुफिया एजेंसियों के आला अधिकारी बैठक कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक आतंकी हमलों को रोकने और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा पर बैठक में मंथन होगा। इसके बाद एक रिपोर्ट गृह और रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी। सूत्रों का यह भी कहना है कि आपस में समन्वय मजबूत करने के मकसद से भी एजेंसियां यह बैठक कर रही हैं।

पुलिस ने 23 संदिग्धों को हिरासत में लिया

पुलिस ने एक ट्रैक्टर चालक समेत 23 संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सर्जिकल आॅपरेशन के लिए सेना के पैरा कमांडो जंगल में उतारे हैं। चॉपर और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। इससे पहले बुधवार को पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार खटयार भी मछेड़ी पहुंचे और घटना स्थल व अभियान का जायजा लिया।

उधमपुर व डोडा जिले की सीमा से लगते जंगलों में भी सर्च

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के अलावा उधमपुर और डोडा जिले की सीमा से लगते जंगलों में भी सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बुधवार को उस ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक से भी पूछताछ की गई, जो हमले के वक्त सैन्य काफिले के ठीक आगे चल रहा था।

हमले में मारे गए थे 5 जवान

बता दें कि बदनोता में आतंकियों ने सेना के वाहन पर ग्रेनेड से हमला करने के बाद अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। सभी उत्तराखंड के रहने वाले थे। बुधवार को सभी का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांवों में किया गया।