चंडीगढ़। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्ययूनल (कैट) की ओर से शुक्रवार को डीजीपी पंजाब के रूप में दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को खारिज कर दिया गया है। दीनकर गुप्ता की बतौर डीजीपी नियुक्ती को लेकर पंजाब एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स के तात्कालिन डीजीपी मोहम्मद मुस्ताफा और पीएसपीसीएल के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कैट में चुनौती दी थी। दोनों ने यह याचिका यूपीएससी, केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और दिनकर गुप्ता के खिलाफ दायर की थी। कैट ने उनकी नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। कैट ने डीजीपी की नियुक्ति को लेकर दोबारा से 4 सप्ताह में पैनल भेजने का कहा है। कैट के इस फैसले के इन आदेशों के बाद पंजाब सरकार और डीजीपी दिनकर गुप्ता को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार मामलें में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कैट ने डीजीपी पद पर दिनकर गुप्ता की नियुक्ति खारिज करते हुए कहा कि इस अप्वाइंटमेंट के लिए बनाए गए पैनल में खामियां थी। दिनकर गुप्ता की नियुक्ति से पहले बनाए गए तीन अधिकारियों के पैनल में खामियां थीं और इस पैनल का गठन सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह मामले में दिए गए निर्देशों के विपरीत था। कैट ने अपने आदेश में डीजीपी की नियुक्ति के लिए गठित की जाने वाली समिति और यूपीएससी को आदेश दिया है कि चार सप्ताह के अंदर दोबारा तीन वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बनाकर इस पद पर नियुक्ति के लिए भेजा जाए। दूसरी ओर, पंजाब के गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सतीश चंद्रा का कहना है कि डीजीपी की नियुक्ति रदद् करने को लेकर कैट ने घोषणा की जानकारी मिली है लेकिन आधिकारिक रूप से उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है। बता दें कि अपनी याचिका मेंं सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा है कि वह पंजाब के डीजीपी नियुक्त किए गए दिनकर गुप्ता से सीनियर हैं और मेरिट बेस में भी उनसे आगे है। इसलिए दिनकर गुप्ता से पहले डीजीपी बनने का अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। वहीं मोहम्मद मुस्तफा के वकील ने अपनी दलील में कहा था कि डीजीपी लिस्ट में से वह सबसे सीनियर हैं। उनका पुलिस में रिकॉर्ड भी अच्छा रहा है। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने याचिका दायर कर उन्होंने यूपीएससी को नए पैनल बनाने के लिए निर्देश देने की अपील की थी। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा था कि उन्होंने पंजाब में आतंकवाद के दौर से लेकर अभी तक कईं अहम विभागों में काम किया है। बता दें कि पंजाब ने दिनकर गुप्ता को पंजाब का डीजीपी नियुक्त किया था। मुस्तफा का नाम भी उस सूची में था और इसे पंजाब सरकार की ओर से यूपीएससी को भेजा गया था, लेकिन यूपीएससी की ओर से जिन तीन अधिकारियों का नाम शॉटलिस्ट किया गया उनमें मुस्तफा का नाम नहीं था। यूपीएससी की ओरसे जो पैनल भेजा गया था उसमें दिनकर गुप्ता, एमके तिवारी और वीके भांवरा के नाम थे। इनमें से पंजाब सरकार ने दिनकर गुप्ता को सिलेक्ट कर डीजीपी बनाया।