Kartik Purnima 2024: काशी, हरिद्वार, अयोध्या में गंगा घाटों और सरयू में आस्था की डुबकी के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु

0
151
Kartik Purnima 2024: काशी, हरिद्वार, अयोध्या में गंगा घाटों और सरयू में आस्था की डुबकी के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु
Kartik Purnima 2024: काशी, हरिद्वार, अयोध्या में गंगा घाटों और सरयू में आस्था की डुबकी के लिए उमड़े लाखों श्रद्धालु

Kartik Purnim 2024, (आज समाज), नई दिल्ली: आज कार्तिक पूर्णिमा है और इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सहित देशभर के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों, हरिद्वार, वाराणसी व अयोध्या आदि में गंगा घाटों और सरयू नदी व पवित्र सरोबरों में आस्था की डुबकी लगाने के लिए अलसुबह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। काशी यानी वाराणसी स्थित दशाश्वमेध घाट व गंगा के अन्य सभी घाटों पर लोग सुबह से स्नान कर दान-पुण्य कर रहे हैं। काशी में अब तक लाखों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

  • आज स्नान व दीपदान का विशेष
  • आज मनाई जा रही देव दीपावली

जाने स्नान का मुहूर्त और कब तक रहेगा

ज्योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 37 मिनट बजे से शुरू है। यह कल यानी 16 नवंबर की सुबह 2 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। पुराणों के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा तिथि को व्रत, स्नान व दान आदि करने से मोक्ष मिलता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था और भगवान शिव ने इसी दिन त्रिपुरासुर असुर का संहार किया था।

हरिद्वार में लाखों की भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

वहीं आज हरियाणा, पंजाब दिल्ली व देशभर के अन्य राज्यों में लोग सरोवरों, जलाशयों व तालाबों में स्नान के लिए पहुंचे हैं। हरिद्वार में लाखों की भीड़ पहुंचने की उम्मीद के मद्देनजर स्थानीय पुलिस ने सुरक्षा व यातायात को व्यवस्थति करने के लिए बेहतर इंतजाम किए हैं।

सिख धर्म में मनाया जाता है प्रकाशोत्सव 

सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाशोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म इसी दिन हुआ था। पवित्र नदियों में इस दिन स्नान और दीपदान आदि करने का विशेष महत्व है। अयोध्या में पवित्र सरयू नदी के घाटों पर दीपदान करके देव दीपावली भी आज मनाई जा रही है।

पूर्वजों की आत्म शांति के लिए किए दीपदान

कार्तिक पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर कल शाम को परिजनों ने अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए मंदिरों व पवित्र नदियों के किनारे दीपदान किए। कई लोग पवित्र नदियों में स्नान करके प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। देर रात तक श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।

यह भी पढ़ें :  Guru Nanak Dev Ji Gurpurab 2024 Quotes : गुरु नानक जयंती गुरुपर्व पर भेजें ये स्‍पेशल कोट्स और शुभकामनाएं