Parliament News, (आज समाज), नई दिल्ली: सांसद कार्तिकेय शर्मा ने सदन में हिंदी के गौरव को बढ़ाने के लिए पुरजोर आवाज उठाई है। उन्होंने गुरुवारव को कहा कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकारी प्रयासों को बढ़ाना बहुत जरूरी है।

हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा

राज्यसभा सांसद ने कह, हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, जिसका 60 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं। इतने सारे लोगों द्वारा बोली जाने के बावजूद, हिंदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कम दिखती है। अगर हिंदी को यूएन की आधिकारिक भाषा बना दिया जाए, तो इससे न केवल उसकी वैश्विक पहचान बनेगी बल्कि भारत की कूटनीति भी मजबूत होगी। यह ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ की सफल घोषणा से साफ दिखता है, हिदी को यूएन में शामिल करने से भारत अपनी रणनीतिक और सांस्कृतिक हितों को आगे बढ़ा सकता है।

बढ़ेगी वैश्विक चर्चाओं में भागीदारी

सांसद ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को शामिल करने से हिंदी बोलने वाले देशों की वैश्विक चर्चाओं में भागीदारी बढ़ेगी। इससे दुनिया की एक बड़ी आबादी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात अपनी भाषा में रखने का मौका मिलेगा। कार्तिकेय शर्मा ने कहा, यह कदम यूएन में भाषाई विविधता और समानता को भी बढ़ावा देगा, जो उसकी समावेशी सोच के अनुरूप है।

मजबूत होगी देश की भूमिका

संयुक राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने से भारत की सॉफ पावर को भी मजबूती मिलेगी, जिससे उसकी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी। यह भाषाई विविधता के महत्व को भी उजागर करेगा और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा।