Dr. K Kasturirangan Passes Away, (आज समाज), बेंगलुरु: इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर के कस्तूरीरंगन का आज निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। इसरो की ओर से जारी बयान के अनुसार डॉक्टर कस्तूरीरंगन ने सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर बेंगलुरु स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
27 अप्रैल को अंतिम दर्शनार्थ रखा जाएगा पार्थिव शरीर
डॉक्टर कस्तूरीरंगन का पार्थिव शरीर 27 अप्रैल को सुबह 10 से 12 बजे तक अंतिम दर्शनार्थ बेंगलुरु स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) में रखा जाएगा। डॉक्टर कस्तूरीरंगन 1994-2003 के बीच इसरो के पांचवें अध्यक्ष रहे और नौ साल से अधिक समय तक अंतरिक्ष विभाग के सचिव भी रहे।
इसरो के कई मिशनों का हिस्सा रहे
इसरो में अपने चार दशक लंबे करियर के दौरान डॉक्टर कस्तूरीरंगन कई महत्वपूर्ण मिशनो का हिस्सा रहे। वे भारत के पहले दो प्रायोगिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों BHASKARA-I & II के परियोजना निदेशक थे। उन्होंने पहले परिचालनरत भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह IRS-1A का संचालन किया।
पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित
पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ. कस्तूरीरंगन ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से भौतिकी में आनर्स के साथ विज्ञान स्नातक और मास्टर आफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1971 में अहमदाबाद के भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में काम करते हुए प्रायोगिक उच्च ऊर्जा खगोल विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
GSLV का पहला सफल उड़ान परीक्षण
जब डॉ. कस्तूरीरंगन इसरो के अध्यक्ष थे, तब पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) को लॉन्च किया गया और चालू किया गया। जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) का पहला सफल उड़ान परीक्षण उनके नेतृत्व में हुआ।इसरो का कहना है कि इसरो सैटेलाइट सेंटर के निदेशक के रूप में, डॉ. कस्तूरीरंगन ने नई पीढ़ी के अंतरिक्ष यान, भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (INSAT-2) और भारतीय रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट (IRS-1A & 1B) के साथ-साथ वैज्ञानिक उपग्रहों के विकास से संबंधित गतिविधियों की देखरेख की।
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