Aaj Samaj (आज समाज), Karnataka High Court, बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि चुनावों के दौरान उम्मीदवारों द्वारा संपत्ति का खुलासा न करना भ्रष्ट आचरण है और इससे उनका चुनाव अयोग्य हो सकता है। कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि किसी उम्मीदवार का अपनी, उनके पति अथवा पत्नी या आश्रितों की संपत्ति का खुलासा न करना या संपत्ति छिपाना भ्रष्ट आचरण है।
हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह के कामों से उम्मीदवार को कर्नाटक ग्राम स्वराज और पंचायत राज अधिनियम के तहत पंचायत चुनाव में भाग लेने से अयोग्य ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने कहा, इस तरह का कदम चुनाव में उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए पर्याप्त है और यह साबित करने की कोई जरूरत नहीं है कि इसकी वजह से किसी अन्य उम्मीदवार की चुनाव संभावनाओं पर उलटा प्रभाव पड़ता है।
कानून की वेबसाइट बार एंड बेंच के अनुसार हाई कोर्ट ने कहा, चुनाव याचिकाकर्ता के लिए विशेष तौर से यह कहने या साबित करने की कोई जरूरत नहीं है कि दमन के कारण 2022 के चुनाव में वापसी करने वाले उम्मीदवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। मात्र दमन ही पंचायत राज अधिनियम की धारा 19(1)(बी) के प्रावधानों को लागू करने के लिए काफी है।
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