बेंगलुरू। कर्नाटक में लगातार सियासी संकट बना हुआ था। बार-बार खबर आ रही थी कि किसी भी वक्त कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस सरकार गिर सकती है। दोनों दलों के बीच खींचतान हो रही थी। सत्ताधरी सरकार के ग्यारह विधायकों की तरफ से शनिवार को दिए गए इस्तीफे के बाद राज्य में चला आ रहा सियासी संकट गहरा गया है। हालांकि भाजपा की ओर से इस सियासी संकट में अपना हाथ होने की बात सिरे से नकार दी है। लेकिन दूसरी ओर नई सरकार के लिए खुद को तैयार बताया है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी पर अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोर में सरकार को गिराने का आरोप लगाया। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बीजेपी देश में खरीद-फरोख्त का सिंबल बन गई है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को नीचा करने का बीजेपी का प्रयास सफल नहीं होगा। कांग्रेस के जिन विधायकों ने स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपा है, उनमें पूर्व गृह मंत्री और सात बार के विधायक रामलिंगा रेड्डी, रमेश जर्किलोही, महेश कुमाथहल्ली, एसटी सोमशेखर, बीए बसावराज, बीसी पाटिल, प्रतापगौड़ा पाटिल और शिवराम हेबर हैं। विधानसभा स्पीकर कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है। जबकि, जेडीएस के तीन विधायक हैं- एएच विश्वनाथ, जिन्होंने पिछले महीने पार्टी के राज्य अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके अलावा, के. गोपालियाह और नारायण गौड़ा हैं।