- *ब्रिटेन में दिया जाएगा संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार*
- ब्रिटेन के किंग प्रिंस चार्ल्स ने संजोली को भेजा निमंत्रण
- *लिंग समानता,शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य की अलख जगा रही है संजोली*
Aaj Samaj (आज समाज), Karnal’s Sanjoli, करनाल , 15 दिसम्बर , इशिका ठाकुर
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर इंग्लैंड और भारत की 75 मोस्ट पावरफुल व इंस्पारिंग वूमैन को बर्मिंघम पैलेस में किया जाएगा सम्मानित , करनाल की संजौली को ब्रिटेन के किंग प्रिंस चार्ल्स ने भेजा निमंत्रण, बिट्रेन में दिया जाएगा संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार , कई सालों से लिंग समानता, शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य की अलख जगा रही है संजोली
करनाल की बेटी संजौली बैनर्जी ब्रिटेन के शाही परिवार किंग चार्ल्स की मेहमान बनेगी। इसके लिए उन्हें निमंत्रण भेजा गया है। बिट्रेन में उन्हें संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इससे उसके परिवार के लोगों में भी खुशी है।
ऐसा विशेष न्योता हासिल करने वाली संजौली बैनर्जी देश की सबसे कम उम्र की बेटी हैं। संजौली भारत की 75 मोस्ट पावरफुल व इंस्पारिंग वूमैन में से एक हैं, जिन्हें प्रिंस चार्ल्स ने विशेष न्योते पर बुलाया है। संजौली बैनर्जी कई सालों से लिंग समानता, शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य की अलख जगा रही है।
संजौली बैनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाले इस सम्मान का श्रेय अपने शिक्षक व चिंतक पिता मिहिर बैनर्जी व माता गगन बैनर्जी को दिया हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर भारत व ब्रिटेन की अन्य 74 पावरफुल महिलाओं को भी खास मेहमान बनकर यहां रिसेप्शन का न्योता दिया गया है। संजौली ने कहा कि उसका लक्ष्य संयुक्त राष्ट्र में जाकर महिलाओं और समाज के लिए पॉलिसी मेकिंग में योगदान देना है। उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जिस कारण महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा और आज वे विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है।
उनके पिता मिहिर बेनर्जी ने बताया कि आस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में स्नातक और सामाजिक कार्य में स्नात्तकोत्तर संजौली बैनर्जी ने लिंग समानता, शिक्षा, पर्यावरण व स्वास्थ्य पर जागरूकता की अलख जगाने के लिए विभिन्न समुदायों के साथ काम किया है। संजौली अपनी बहन के संग उन बच्चों को निशुल्क पढ़ाती हैं जो किसी कारण शिक्षा से वंचित रह गए। कोरोना काल के दौरान उसने ऐसे बच्चों को पढ़ाया जो आर्थिक हालात खराब होने के कारण पढ़ नहीं पा रहे थे। इस दौरान संजौली ने तत्कालीन प्रधानमंत्री स्कॉट मारिसन को एक चार्टर भी पेश किया। संजौली ने ब्रिटेन की शेफील्ड यूनिवर्सिटी से एएनयू से स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम की पढ़ाई भी की है।
संजौली की मां गगन बनर्जी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें ऐसी बेटियां मिली है जो उनका नाम रोशन कर रही हैं संजौली का सपना है कि उन्हें केवल अपने लिए नहीं जीना बल्कि समाज के लिए कुछ करना है और महिलाओं की सोच में बदलाव लाना है।