Karnal Youth Harsh : टूरिस्ट वीजा पर करनाल से गया रूस, वहां रूस की सेना के द्वारा करनाल के युवक को हथियार् थमा यूक्रेन के खिलाफ लड़ाया जा रहा है युद्ध

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Karnal Youth Harsh
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Aaj Samaj (आज समाज), Karnal Youth Harsh, करनाल,7 मार्च, इशिका ठाकुर: 
हरियाणा सहित पूरे भारत के युवा बेरोजगारी के अभाव में विदेश की तरफ रुख कर रहे हैं और इस कड़ी में ऐसे बहुत से मामले सामने आते हैं की विदेश जाने के चक्कर में कुछ लोग धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं और अपने लाखों रुपए गवा कर विदेश नहीं पहुंच पाते, जो डोंकी से जाते हैं उनमें से कुछ लोगों की तो रास्ते में मौत भी हो जाती है। लेकिन अब एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां करनाल के सम्भली गाँव का युवक टूरिस्ट वीजा पर  घूमने के लिए रूस में जाता है और वहां पर वहां की पुलिस के द्वारा उसको गिरफ्तार कर लिया जाता है,
गिरफ्तार करके उसके सामने दो ऑप्शन रखे जाते हैं या तो 10 साल के लिए जेल में रहे या फिर 1 साल के कॉन्ट्रैक्ट के साथ रूस की आर्मी में शामिल होकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़े, मजबूरन उनसे कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं जिसके चलते अब वह रूस में रहकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं। जिसके चलते परिवार का रो रो कर बुरा हाल है कि बेटा घूमने गया था लेकिन वहां पर फंस गया। कहीं वहां पर उसके साथ कोई अनहोनी ना हो जाए।
सभी जानते हैं कि  रूस और युक्रेन की लड़ाई लंबे समय से जारी है जिसकी आग अब हरियाणा और पंजाब के घरों तक पहुंच गई है। टूरिस्ट वीजा पर रूस घूमने निकले कुछ भारतीयों को रूस की सेना ने बंदी बनाकर जबरदस्ती उन्हें यूक्रेन के  डोनेक्स में लड़ने के लिए युद्ध में उतारे जाने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है की ये युवा टूरिस्ट वीजे पर रसिया गए थे घूमते घूमते जैसे ही वह बेलारूस पहुंचे  वहां पर वहां के पुलिस के द्वारा उनको उनकी रफ्तार कर लिया गया क्योंकि उनके पास बेलारूस का वीजा नहीं था, पुलिस के गिरफ्तार करने के बाद उनका रस की आर्मी को सौंप दिया गया। जिन्हें दस साल की जेल का डर दिखाकर रसियन भाषा में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाकर उन्हे युद्ध में उतारा गया है। जिन्हें खाने में गाय का मीट तो कभी खाली पेट रखा जा रहा है। युवक सहित उसका परिवार अब भारत सरकार से घर वापसी की अपील कर रहे है।
 इस मामले का खुलासा तब हुआ इन सभी युवाओं ने अपना एक सामुहिक विडियो बनाकर भारत सरकार से इस संकट से बाहर निकालने की गुहार लगाई है। विडीयो जारी कर युवाओं ने बताया है की ये हो सकता है उनकी आखरी वीडियो हो । क्योंकि युद्ध के दौरान लड़ाई लड़ते समय कुछ भी हो सकता है जिसके चलते वह बहुत ज्यादा परेशान चल रहे हैं। रूस की सेना की वर्दी पहने ये से सभी यूवा भारतीय है। जो अपने दुख की दास्तां सुना रहे है। हरियाणा के करनाल जिले का हर्ष भी इनमें से एक है। जो अपने घर आना चाहता है। लेकिन आ नही पा रहा। वो घर और सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है। अभी तक उनको  कोई भी उम्मीद दिखाई नहीं दे रही।
करनाल जिले के गांव साम्भली  के 19 साल का युवा हर्ष भी इन युवाओं में शामली है। जब हर्ष के परिवार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को लेकर काफी चिंतित है और वह यही चाहते हैं कि सरकार किसी भी तरीके से उनके बेटे को भारत लेकर आए। हर्ष के परिवार में उनके माता पिता,दादी और एक बड़ा भाई है परिवार का खर्च गांव में ही एक छोटी सी परचून की दुकान से चलता है ।
 हर्ष की मां ने कहा कि जब से हर्ष के ऐसे विदेश में फस जाने की खबर परिवार को मिली है तब से परिवार परेशान है हर्ष की मां रो हुए सरकार से हर्ष की वापसी की अपील कर रही है,उनकी मां का कहना है की हर्ष 19 वर्ष के है। अभी 12 वी पास की थी और विदेश घूमना चाहता था उनका कहना है की करीब 2.50 लाख रुपए खर्च कर घूमने रूस गया था लेकिन वहा की आर्मी ने उसे पकड़ यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में लड़ने भेज दिया ,उनकी सरकार से अपील है की जल्द उनके बेटे को वापिस घर लाने में सरकार उनकी मदद करे।
हर्ष के भाई साहिल भी हर्ष को लेकर चिंतित है उसने बताया की हर्ष घूमने के लिए रूस गया था ताकि जिसका अभी 2 महीने का वीजा भी बाकी है ,उन्होंने बताया उनका पासपोर्ट स्ट्रॉन्ग हो इसलिए वो रूस गए थे लेकिन एजेंट की वजह से वो बेलारूस पहुंच गए उन्हे नही पता था की बेलारूस के लिए अलग वीजा की जरूरत पड़ेगी जहा एजेंट उन्हे हाईवे पर छोड़ वहा से चला गया जिसके बाद वहा की पुलिस ने उन्हें आर्मी के हवाले कर दिया सेना ने पकड़कर जेल का डर दिखाकर कुछ दिन हथियारों की ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतार दिया। उन्होंने बताया की 10 साल की जेल का डर दिखाकर उन्हें एक रशियन लैंग्वेज में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया। एक सप्ताह तक हमारा उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया। हम चिंता में हो गए। भाई ने बताया कि हथियारों की ट्रेनिंग देने के बाद उन्हें यूक्रेन के खिलाफ डोनेक्स में छोड़ दिया। उन्हें युद्ध में एक जगह से दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है। अब हमें बताया गया है कि यहां पर फोन की रेंज नहीं है और कुछ दिनों बाद उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा।
इसी मामले को लेकर कल करनाल में हरियाणा के मुख्यमंत्री से भी पत्रकारों द्वारा हर्ष के विदेश में फसे होने का सवाल पूछा गया जिसमे मुख्यमंत्री ने कहा था की यह उनके संज्ञान में नहीं था लेकिन अब उनके संज्ञान में आया है तो इसे जरूर देखेगे, फिलहाल उनका इस मामले की कोई भी जानकारी नहीं है।
 हर्ष की मां सुमन ने कहा कि मैं अपने बेटे को बड़े लाड प्यार से पाला था उनके भी अरमान थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर अपने पैरों पर खड़ा हो,  वह विदेश में अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया जाना चाहता था लेकिन उससे पहले वह अपना पासपोर्ट स्ट्रांग करना चाहता था जिसके चलते वह टूरिस्ट वीजा पर  रूस घूमने के लिए गया था लेकिन उनको नहीं पता था कि रूस में टूरिस्ट वीजा पर जाने के बाद उनके यह घटना घट जाएगी जिसके चलते अब परिवार बहुत परेशान है और सरकार से गुहार लगा रहा है कि किसी भी प्रकार से उनके बेटे को भारत वापस लाया जाए।
 हालांकि परिवार के द्वारा रूस एंबेसी से भी संपर्क किया गया है लेकिन वहां से उनका कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला है. देखने वाली बात यह है होगी कि हर्ष और बाकी युवक कब अपने वतन वापस लौट पाते हैं।
वीरवार को हर्ष का परिवार करनाल के सांसद संजय भाटिया से मिले इसके बाद परिवार मे अपने बेटे को इंडिया लाने के लिए थोड़ी उम्मीद जागी है हर्ष के पिता ने कहा कि हमें सांसद संजय भाटिया से आश्वासन मिला है कि जल्द ही उनका बेटा भारत में आएगा हम अपना पूरा प्रयास करेंगे ताकि करनाल का बेटा वापस आ सके. खुशी की खबर यह भी है कि जहां पर रूस की सेवा के द्वारा उसको बॉर्डर पर यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैनात किया गया था अब वह वहां से पीछे किसी और पोस्ट पर तैनात कर दिया है।
 इस मामले में संजय भाटिया सांसद करनाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हर्ष का परिवार हमें मिला है हमने उनकी सभी बातें सुनी और उनके कुछ डॉक्यूमेंट भी लिए हैं ताकि हम विदेश मंत्रालय से बातचीत करके हर्ष को इंडिया लाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं सरकार से भी बातचीत करूंगा ताकि हर्ष को जल्दी वापस लाया जा सके.  उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से और रूस सेना ने उनको गिरफ्तार करके यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए भेजा है यह सरेआम मानव अधिकार का उल्लंघन है, हम पूरी कोशिश करेंगे कि जल्द ही हर्ष इंडिया वापस आए।