प्रवीण वालिया, करनाल :
डीएवी पीजी कालेज करनाल के तत्वावधान में एंव कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के निर्देशन तथा मार्गदर्शन में उच्च शिक्षण संस्थानों को आत्मनिर्भर हरियाणा बनाने में भूमिका शीषर्क के अंतर्गत आनलाईन वर्कशाप का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 23 से ज्यादा कालेजों ने भाग लिया। जिसमें जिला समन्वयक के रूप में कालेज के प्राचार्य डा. रामपाल सैनी ने अपनी भूमिका निभाई। आत्मनिर्भर हरियाणा के संदर्भ में आयोजित कार्यशाला में आमंत्रित सभी जनों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डा. रामपाल सैनी ने कहा कि हमें इस तरह के प्रयास करने होंगे कि सभी को स्वावलंबी बनाया जा सके और राज्य के विकास में सभी की भूमिका हो। जिसके लिए सभी को समान अवसर प्रदान करने होंगे ताकि सबको रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के परीक्षा नियंत्रक एवं मुख्य वक्ता डा. अंकेशवर प्रसाद ने बताया कि किस प्रकार हम आत्मनिर्भरता के द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकते हैं।
उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्तमान और पूर्व परिपेक्ष्य के विषय में कहा कि शिक्षा ही ऐसा साधन है जो युवाओं को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा सकता है। जिससे न केवल युवाओं को नवीन अवसर मिलेंगे बल्कि अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। डीन स्टूडेंट वेल्फेयर डा. अनिल कुमार वशिष्ठ ने कार्यक्रम में बताया कि किस प्रकार विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और उनके प्राचार्य, टीचर्स विद्यार्थियों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें सरकारी नौकरियों और अन्य क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकते हैं। कार्यशाला में सभी का धन्यवाद करते हुए केयूके के फाइन आर्ट विभाग के डा. गुरचरण सिंह ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यशाला में डीएवी पीजी कालेज की नोडल अधिकारी डा. मिनाक्षी कुंडू, सहित करनाल के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।