प्रवीण वालिया, करनाल :
उपायुक्त निशांत कुमार ने अनुसूचित वर्ग के पात्रा लाभार्थियों से हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्नान किया है। उन्होंने कहा कि निगम का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के अनुसूचित जाति के सदस्यों को स्वयं रोजगार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस दिशा में विभिन्न बैंकों, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम तथा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से तीन तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं। उपायुक्त ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार रुपए व शहरी क्षेत्रों में 60 हजार रुपए तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्य पशुपालन, करियाना दुकान, झोटा-बुग्गी, खच्चर रेहड़ी व सुअर पालन इत्यादि के लिए बैंकों के माध्यम से 1 लाख 50 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा कुल लागत राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 10 हजार रुपये तक का अनुदान व 10 प्रतिशत मार्जिन मनी 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अतिरिक्त बकाया ऋण बैंकों द्वारा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 98 हजार रुपए व शहरी क्षेत्रों में 1 लाख 20 हजार रुपए तक की आय वाले अनुसूचित जाति के सदस्य लघु व्यवसाय योजना स्कीम के तहत अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से आटो रिक्शा, टैन्ट हाऊस, बुटीक, ब्यूटी पार्लर, करियाना दुकान, मनियारी दुकान व ई-रिक्शा इत्यादि व्यवसायों के लिए 6 प्रतिशत ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक के ऋण ले सकते हैं। इस स्कीम के अंतर्गत 10 हजार रुपये तक का अनुदान केवल बी.पी.एल. परिवारों को निगम द्वारा दिया जाता है। उपायुक्त ने कहा कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तीय सहयोग से भी सैनीटेशन कार्य में लगे राज्य के सफाई कर्मियों तथा उनके आश्रितों को पशुपालन, व्यापारिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्य वाहन, आटो रिक्शा, ई-रिक्शा इत्यादि आदि व्यवसायों के लिए 4 से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर 60 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है तथा इन स्कीमों का 5 प्रतिशत हिस्सा लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है।