करनाल : डिव्ल्पमेंट चार्ज देने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे : डा.मनोज कुमार

0
394

प्रवीण वालिया,करनाल:
डिव्ल्पमेंट चार्ज यानि विकास शुल्क वसूलने के लिए नगर निगम ने शिविर लगाने जा रहा है। आगामी 12 सितम्बर को बसंत विहार से इसकी शुरूआत की जाएगी। इसके बाद शहर की दूसरी अनुमोदित कॉलोनियों से विकास शुल्क लेने का काम किया जाएगा। निगम आयुक्त डा. मनोज कुमार ने बताया कि नियमानुसार किसी भी कंस्ट्रक्शन से पहले नागरिकों को विकास शुल्क जमा करवाना पड़ता है, इससे नक्शा भी तैयार हो जाता है और व्यक्ति बिना किसी रोक-टोक या बाधा के अपना मकान या अन्य निर्माण कर सकता है। लेकिन शहर के काफी लोगों की तरफ विकास शुल्क देय पड़ा है, अब नगर निगम ने इसकी वसूली करने का निर्णय लिया है, नागरिकों की सहूलियत को देखते उनके घर-द्वार पर ही डव्ल्पमेंट चार्ज देने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे।

शुरूआत में 12 सितम्बर रविवार के दिन बसंत विहार में पहला शिविर लगेगा, जो प्रात: 9 से सांय 5 बजे तक होगा। इस एरिया के लोग शिविर में आकर आसानी से अपना डव्ल्पमेंट चार्ज जमा करवा सकते हैं, उसकी रसीद मिलेगी। लोगों को अपनी रजिस्ट्री की कॉपी और प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाए गए बिल की रसीद साथ लानी होगी। इसमें स्पष्टद्द है कि जिन लोगों ने प्रॉपर्टी टैक्स अदा नहीं किया है, वह कैम्प से पहले कर लें। उन्होंने बताया कि बसंत विहार एरिया में निगम की ओर से डिव्ल्पमेंट चार्ज के 2700 नोटिस तैयार किए गए हैं, इनमें से करीब 2000 बांट भी चुके हैं, शेष जल्द बांट दिए जाएंगे। इससे लोगों को यह जानने में आसानी होगी कि उनकी तरफ कितना डिव्ल्पमेंट चार्ज है और वह उतनी ही राशि लेकर शिविर में आ सकते हैं। निगमायुक्त ने बताया कि रिहायशी निर्माण पर 360 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से डिव्ल्पमेंट चार्ज बनाया गया है, जो नियमानुसार है। उन्होंने यह भी बताया कि बसंत विहार के बाद शहर की अन्य जितनी भी नई-पुरानी अप्रूव्ड कॉलोनियां हैं, उनमें भी इस तरह के शिविर लगाकर डिव्ल्पमेंट चार्ज की वसूली की जाएगी। इस काम के लिए भी सभी घरों में नोटिस बांटे जाएंगे। निगमायुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि प्रॉपर्टी टैक्स हो या डव्ल्पमेंट चार्ज, सभी नागरिकों को या जिनकी तरफ यह देय हैं, को समय से और ईमानदारी से निगम में जमा करवा देने चाहिएं। यह दोनों शुल्क ऐसे हैं, जिनसे निगम की आय होती है और उसी आय से शहर में विकास करवाया जाता है। अप्रत्यक्ष रूप से नागरिक इन छोटे-छोटे शुल्क से अपने लिए ही सुविधाएं लेते हैं।