प्रवीण वालिया, करनाल :
अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व विभाग) संजीव कौशल ने शनिवार को चंडीगढ़ से वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना को लेकर उपायुक्तों के साथ समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि लाल डोरा मुक्त हुए गांवों के लोगों को जल्दी से जल्दी रजिस्ट्री वितरण के कार्य पर जोर दें। इसके अलावा प्रोपर्टी पंजीकरण के लंबित कार्य में तेजी लाएं और आगामी 15 सितम्बर से पहले-पहले लक्ष्य निर्धारित करके कार्य पूरा करें। प्रोपर्टी पंजीकरण के लिए गांवों में कैंप का आयोजन करें ताकि यह कार्य शीघ्र पूरा हो सके। एसीएस ने कहा कि लाल डोरा मुक्त बनाने को लेकर निशानदेही, ड्रोन मैपिंग के कार्य में तेजी लाएं और प्रत्येक दिन अधिक से अधिक गांव अवश्य कवर करें। इन कार्य को जल्द पूरा करने के लिए अन्य विभाग से सहयोग लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में पंचायत की फिक्सड जमीन जैसे चौपाल, पंचायत घर, मंदिर तथा ओपन जमीन जैसे तालाब, पार्क व खाली पड़ी जमीन की पहचान करने के कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा करें। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश को लाल डोरा मुक्त करने का लक्ष्य 15 सितम्बर रखा गया है। इस दिशा में हरियाणा प्रदेश देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में बेहतरीन कार्य कर रहा है। भारत सरकार द्वारा इस योजना को स्वामित्व योजना के रूप में पूरे देश में लागू किया गया है।
जिला में 94 गांव हो चुके हैं लाल डोरा मुक्त
वीसी में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में कुल 436 गांव हैं इनमें से 389 गांवों को लाल डोरा मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, शेष गांवों में लाल डोरा की जमीन उपलब्ध नहीं है। इनमें से 389 गांवों में ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें से 340 गांवों का प्रथम नक्शा सही पाया गया है, 24 गांवों का नक्शा सही नहीं था तथा शेष गांवों में कार्य जारी है। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 94 गांव लाल डोरा मुक्त हो चुके हैं जिनमें करीब 10 हजार 483 लोगों को डीड वितरित की जा चुकी है, शेष का कार्य जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन गांवों का सर्वे आफ इंडिया की ओर से फाईनल नक्शा आ चुका है उनमें प्रोपर्टी पंजीकरण का कार्य जारी है। पंजीकरण के कार्य के बाद इन गांवों में भी जल्द ही डीड वितरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 269 गांवों का द्वितीय नक्शा आ चुका है, जिनमें से 225 गांवों के दावे और आपत्ति प्राप्त करने की कार्यवाही भी पूरी हो चुकी है। शेष के दावे व आपत्ति जल्द प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के 94 गांवों में पंचायती सम्पत्ति के 516 स्थानों की पहचान की गई है जिनमें से 514 पंजीकृत भी हो चुके हैं।
उपायुक्त ने वीसी के बाद जिला राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक दिन 5 से 6 हजार प्रोपर्टी पंजीकरण तहसीलदारों से अवश्य करवाएं और इस कार्य की हर रोज की प्रगति रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें। सभी संबंधित बीडीपीओज व तहसीलदार तालमेल के साथ पंजीकरण के कार्य को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार जल्द से जल्द पूरा करें। एसीएस की अगली मीटिंग होने से पहले हर ब्लाक व तहसील में प्रगति नजर आनी चाहिए तथा पोर्टल पर अपना डाटा सही करवाएं। इस अवसर पर स्वामित्व योजना के नोडल अधिकारी एवं करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा, इंद्री के एसडीएम सुमित सिहाग, डीआरओ श्याम लाल, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया, तहसीलदार राजबख्श सहित अन्य तहसीलों के तहसीलदार व नायब तहसीलदार तथा बीडीपीओ नरेश शर्मा, अंग्रेज सिंह, कंचनलता उपस्थित रही।