करनाल : गांवों में भी लाईब्रेरी खोले जाने की तैयारी : निशांत यादव

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Chief Minister Manohar Lal inaugurated
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 प्रवीण वालिया, करनाल :

शहर के रेलवे रोड स्थित जिला पुस्तकालय की सुविधाओं में इजाफा होने जा रहा है, अब इसकी उपयोगिता ओर बढ़ेगी, इसमें एयर कंडीशनर, स्टील निर्मित रैक, सी.सी.टी.वी., रिवोलविंग चेयर, एल.ई.डी. और ब्रॉड बैंड जैसी सुविधाएं जुड़ेंगी। बुधवार को उपायुक्त एवं जिला पुस्तकालय समिति के चेयरमैन निशांत कुमार यादव ने यहां का दौरा किया और इन सुविधाओं की फाईल देखकर उनको ओके कर दिया। उनके साथ नगराधीश अभय जांगड़ा व एडीआईओ परविन्द्र सिंह भी थे। जिला पुस्तकालय की कंट्रोलिंग अधिकारी एवं राजकीय कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या अनुराधा पुनिया, वरिष्ठ प्रोफेसर विकास अत्री तथा लाईब्रेरियन ओम सिंह ने उपायुक्त का स्वागत किया और उक्त सुविधाओं की मांग को लेकर चर्चा की। इस पर उपायुक्त ने कहा कि बहुत जल्द ही सभी सुविधाएं लाईब्रेरी में उपलब्ध करवा दी जाएंगी। सामान की खरीद-फरोख्त के लिए उन्होंने नगराधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए और कहा कि शॉर्ट टर्म टैंडर या कुटेशन के जरिए उपरोक्त सामान खरीद लिया जाए। सुविधाओं में एक प्रोफेशनल यानि साफ्टवेयर का ज्ञान रखने वाले व शिक्षित जूनियर लाईब्रेरियन की आउटसोर्स से रखने की भी मांग रखी गई थी, इसकी भी उपायुक्त ने स्वीकृति दे दी, जिसकी नियमानुसार नियुक्ति हो जाएगी। उपायुक्त ने लाईब्रेरी का ऊपर और नीचे से राउंड लेकर बेसमेंट में पुस्तकों के लिए रखे रैक की जगह नए रैक उपलब्ध करवाने की बात कही।

पुस्तकालय के जीर्णोद्धार का मुख्यमंत्री ने किया था उद्घघाटन

बता दें कि रेलवे रोड स्थित जिला पुस्तकालय के जीर्णोद्धार कार्य का मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्घाटन किया था। शांतमय माहौल, रिडिंग रूम में अध्ययन के लिए रखा उमदा फर्नीचर, इलैक्ट्रिफिकेशन, वाईट-वाश, ज्ञान का भंडार पुस्तकें, मेल-फिमेल के लिए अलग-अलग शौचालय, ठंडे पेयजल का कुलर और परिसर में बैठने के लिए बनाई गई एक गैजिबो जैसी सुविधाएं, पुस्तकालय के माहौल का स्वत: वर्णन करती हैं। परिसर में कुछ हरे-भरे व छायादार पेड़ों से भी सुंदरता बनी हुई है।

बेसमेंट, भूतल और प्रथम तल में निर्मित है जिला पुस्तकालय

जिला पुस्तकालय का भवन बेसमेंट, भूतल और प्रथम तल में निर्मित है। बेसमेंट में पुस्तकों से भरे रैक, भूतल पर रिसैप्शन, लाईब्रेरियन का कमरा व रिडिंग रूम तथा प्रथम तल पर महिलाओं के लिए रिडिंग रूम बनाया गया है। कोरोना काल में लाईब्रेरी कुछ समय के लिए बंद रही, लेकिन अब सरकार के आदेशों से पुन: खोली जा चुकी हैं। जिला पुस्तकालय की बात करें, तो सामान्य दिनो में यहां प्रतिदिन 100 से अधिक पढऩे वालों का फुटफाल हो जाता है। अब लाईब्रेरी खुलने से यहां दोबारा चहल-पहल लौट रही है। बच्चे बैठकर पढऩे के अलावा मैम्बरशिप कार्ड के आधार पर किताबें भी ले सकते हैं। पुस्तकालय का समय प्रात: 10 से सांय 5 बजे तक का रखा गया है।  

पुस्तकालय में है 50 हजार पुस्तकों का भंडार

लाईब्रेरियन ने उपायुक्त को बताया कि जिला पुस्तकालय में करीब 50 हजार पुस्तकें हैं, जिनमें ज्ञान-विज्ञान और प्रतियोगी प्रश्रों की ऊर्दू, पंजाबी, हिन्दी व अंग्रेजी में पुस्तकें मौजूद हैं। अब इसे ई-लाईब्रेरी का रूप भी दिया जा रहा है। इसके लिए उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से 9 कम्प्यूटर सिस्टम सहित लाईब्रेरी में उपलब्ध करवा दिए गए हैं। प्रोफेसर विकास अत्री ने उपायुक्त को अवगत कराया कि आधी पुस्तकों का डिजिटाईजेशन किया जा चुका है, शेष को भी कर रहे हैं।

गांवों में भी खुलेंगी लाईब्रेरी

उपायुक्त ने बताया कि अब गांवो में पंचायत लाईब्रेरी के नाम से 33 लाईब्रेरी खोली जाएंगी। इसके लिए गांवो का चयन भी कर लिया गया है। ऐसे गांव जिनमें 5 हजार से ज्यादा की आबादी है, उनमें लाईब्रेरी दी जा रही हैं, फिलहाल इन्हें स्कूलों में खोलेंगे। ऐसी लाईब्रेरियों के लिए 1500 पुस्तकें आ चुकी हैं, करीब 5 हजार ओर आएंगी।