प्रवीण वालिया, करनाल :
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 93वें स्थापना दिवस के सुअवसर पर राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में हरेला कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसिद्ध पर्यावरण विद एवं वन्य जीव विशेषज्ञ हरीश रौतेला के मार्गदर्शन में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डा. एम.एस.चौहान की अध्यक्षता में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विविध प्रकार के फलों के 150 से अधिक पौधों का रोपण किया। राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक, डा. मनमोहन सिंह चौहान ने बताया की आज उत्तराखंड का यह सांस्कृतिक एवं लोक पर्व हरेला न केवल पूरे देश में बल्कि फ्रांस, दुबई, अमेरिका सहित दुनिया के 114 देशों में धूमधाम से मनाया जा रहा है। डा. मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि हरेला कार्यक्रम के मुख्य घटकों में वन्य जीव संरक्षण, पौधरोपण, जल संचय, गरीबों के लिए समाज उपयोगी कार्य आदि सम्मिलित है। उन्होंने आगे बताया की हरेला कार्यक्रम आज के दिन विद्यालयों के विद्यार्थियों को जल संचय, पर्यावरण सुरक्षा आदि के लिए शिक्षित एवं प्रोत्सा हित करता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान हम लोगों ने देखा कि आक्सीजन मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। पौधरोपण कार्यक्रम पर्यावरण में आॅक्सीजन की यथोचित मात्रा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्य के लिए हरीश रौतेला विगत 20 वर्षों से संघर्षरत हैं। उनके अथक प्रयास का ही परिणाम है कि आज देश में करोड़ों की संख्यात में तरह-तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं ताकि पृथ्वीस पर पर्यावरण संरक्षित रहे तथा हरियाली कायम रहे। रौतेला ने कहा कि इस कार्य को करने के लिए सभी लोगों को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि पर्यावरण संतुलन कायम रहे। इस कार्यक्रम के अवसर पर संस्थासन के संयुक्तप निदेशक (अनुसंधान), डा. धीरज सिंह, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), डा. आर.आर.बी. सिंह, अनेक प्रभागों के अध्याक्ष, अनुभागों के प्रभारी, वैज्ञानिक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।