प्रवीण वालिया, करनाल :
महापुरुष किसी एक वर्ग अथवा जाति के नहीं होते अपितु पूरे समाज के होते हैं, इसका साक्षात दर्शन आज शहर में उस समय देखने को मिला जब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में 36 बिरादरी के प्रतिनिधियों ने शिरकत कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर शहर केसरिया रंग में रंग गया जब भगवा पगड़ी पहने सैकड़ों युवाओं जिनमें महिलाएं भी शामिल थी ने शहर में मोटरसाइकिल पर शोभा यात्रा निकाली।
महापुरुष किसी एक वर्ग अथवा जाति के नहीं होते अपितु पूरे समाज के होते हैं, इसका साक्षात दर्शन आज शहर में उस समय देखने को मिला जब वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में 36 बिरादरी के प्रतिनिधियों ने शिरकत कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर शहर केसरिया रंग में रंग गया जब भगवा पगड़ी पहने सैकड़ों युवाओं जिनमें महिलाएं भी शामिल थी ने शहर में मोटरसाइकिल पर शोभा यात्रा निकाली।
महाराणा प्रताप के वंशज गाड़िया
जागो जगाओ यूनिवर्सल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में महाराणा प्रताप के वंशज गाड़िया लोहार पायल, अंग्रेज, किन्नर ज्योति बराड़, खिलाड़ी रीनू, अंतरराष्ट्रीय व्हील चेयर फेंसिंग खिलाड़ी राजीव सहित अन्य ने शोभा यात्रा को हरी झंडी देकर रवाना किया। महाराणा प्रताप और भारत माता की जय के नारों के बीच शोभायात्रा शहर के कमेटी चौक अंबेडकर चौक कुंजपुरा रोड से होते हुए महाराणा प्रताप स्मृति भवन सेक्टर 8 में पहुंची, जहां सामाजिक समरसता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
महाराणा प्रताप के जीवन पर विचार व्यक्त
इस मौके पर करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता, इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप मुख्यमंत्री प्रतिनिधि संजय बठला, विश्व विख्यात संत महामंडलेश्वर स्वामी रिशिपाल आनंद, हरियाणा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, ऋषि पाल शास्त्री, रितु सहित अन्य गणमान्य लोगों ने महाराणा प्रताप के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन विख्यात शिक्षाविद चांद कश्यप ने किया। कार्यक्रम में ट्रस्ट के चेयरमैन रणधीर सिंह राणा ने अतिथियों का स्वागत किया।
महाराणा प्रताप हिन्दू धर्म एवं संस्कृति
स्वागत करने वाले अन्य लोगों में नीरज, तेजस्वनी, संरक्षक दलबीर सिह, सुशील राणा, जिले सिंह शामिल थे। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण कर महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास को याद किया। विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता ऋषि पाल शास्त्री ने कहा कि महाराणा प्रताप हिन्दू धर्म एवं संस्कृति के रक्षक और स्वतंत्रता प्रेमी के रूप में विश्वविख्यात है।
स्वतंत्रता आन्दोलन
कई देशों के लोगो ने महाराणा प्रताप से प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता आन्दोलन चलाये है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता को महाराणा प्रताप ने अपने जीवन मे जिया जिन्होंने उस समय में अपनी आजादी को लेकर सभी वर्गों को साथ लेकर लंबा संघर्ष किया। उनकी सेना में हर जाति के लोग शामिल थे। इंद्री विधायक रामकुमार कश्यप ने महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक प्रसंगों की व्याख्या करते हुये उन्हें विश्व नायक बताया। उन्होंने महाराणा प्रताप के उज्जवल इतिहास को सामने लाने की आवश्यकता जताते हुये महाराणा प्रताप के जीवन वृत्त व उनके समाज और राष्ट्र को दिये योगदान को याद किया।
ऐशो आराम छोड़ दिया
मेयर रेणु बाला ने कहा कि आज महाराणा प्रताप की जयंती को सामाजिक समरसता के रूप में मनाया गया जो एक सराहनीय पहल है। राणा प्रताप ऐसे योद्धा थे जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सारा ऐशो आराम छोड़ दिया। उन्होंने हमें यह शिक्षा दी कि अपने देश और धर्म पर जब भी कोई संकट आए तो महाराणा प्रताप की तरह उसका सामना करना चाहिए।
मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बटला ने कहा कि अमर बलिदानी महाराणा प्रताप ने मात्र 500 कोल भीलों की सेना लेकर हल्दी घाटी के युद्घ में अकबर की 80000 की सेना के दांत खट्टे कर दिए थे। इस भीषण युद्ध में अकबर की सेना के 17000 सैनिक भी मारे गए थे। अंतत: मेवाड़ हमेशा के लिए अजेय रहा। महाराणा प्रताप ने युद्ध के दौरान सूखी घास की रोटी तक खाई, पर मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की।
एक जाति या समाज के नहीं
आज की पीढ़ी को ऐसे महानायक के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। जसविंदर सिंह शंभूक ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन को भावी पीढ़ी तक ले जाने की जरूरत है। पग पग पर उनका जीवन हमें संकटों से लडऩे और जूझने की प्रेरणा देता है। महाराणा प्रताप किसी एक जाति या समाज के नहीं थे बल्कि उन्होंने देश और धर्म के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। हम सभी उनके बलिदान को नमन करते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी रिशिपाल आनंद ने कहा की महाराणा प्रताप ने धर्म की रक्षा के लिए घास की रोटी खाना मंजूर किया लेकिन कभी दुश्मनों के आगे घुटने नहीं टेके।
इस अवसर पर उपस्थित थे
इस अवसर पर दलबीर , सुशील राणा, सोहन सिंह राणा, जिले सिंह, रिषी पाल जी, दिव्यांग प्रतिनिधि श्रीमती मीनू, सुख दुख समाज से ज्योति बराड़ ,गाडिय़ा लुहार समाज के अंग्रेज सिंह तथा बलकार , हंसराज कश्यप, विजय कुमार, रेनू राणा , रणधीर, केशव, तारा चंद्र, प्रवीण सैनी, रिंकू शर्मा, अनिल राणा,शिव कुमार, प्रवीण, विकास राणा,राजेंद्र परमार, आदि उपस्थित थे।
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