प्रवीण वालिया, करनाल:
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 की तीसरी लहर को मद्देनजर रखते हुए श्रवण अष्टमी नवरात्र के मेलों के दौरान मंदिरों, धार्मिक व तीर्थ स्थलों में नो मास्क-नो दर्शन नीति को 9 अगस्त से आगामी 17 अगस्त 2021 तक सख्ती से लागू करने के आदेश दिए गए है। उक्त अवधि के दौरान विभिन्न मंदिरों में जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं को राज्य/जिला सीमाओं में प्रवेश करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब उनके पास कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र (दोनों खुराक) या आरटी-पीसीआर नकारात्मक रिपोर्ट होनी चाहिए तथा यह रिपोर्ट 72 घंटो से अधिक पुरानी न हो। यह जानकारी उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से जारी आदेशों के अनुसार मेला अधिकारी और पुलिस मेला अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उक्त अवधि के दौरान नो मास्क-नो दर्शन नीति को सख्ती से लागू किया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग को संवेदनशील बनाने, शिक्षित करने और कानूनी रूप से लागू करके बनाए रखा जाएगा।
धार्मिक स्थलों/मंदिरों के प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी है तथा हाथों को सेनेटाइज करने/हाथ धोने का भी प्रावधान किया गया है। आदेशों में कहा गया कि यह सुनिश्चित किया जाना है कि जिला/राज्य की सीमाओं पर विभिन्न जांच बिंदुओं पर कोई अनावश्यक सभा न हो और सामाजिक दूरी के साथ-साथ कोविड-19 प्रोटोकॉल को बनाए रखा जाए, और पीने का पानी, चिकित्सा सुविधा, छाया और बैठने की जगह जैसी बुनियादी सुविधाएं हों। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धोखाधड़ी की रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के संबंधित नियमों के तहत दंडित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जो इन नियमों का उल्लंघन करता है और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है, उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से सभी जिलों में 18 अगस्त, 2021 तक प्रभावी रहेगा।