प्रवीण वालिया, करनाल :
हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूह को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के साथ जोड़ा जाए, इसी मकसद से अब सरकारी कार्यालयों में इनकी कैन्टीन खुलने लगी हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने घरौंडा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में ऐसी ही कैन्टीन का उद्घघाटन किया और कहा कि अब जिला के सभी ब्लॉकों में सैल्फ हैल्प ग्रुपों की कैन्टीनें खोली जाएंगी। कैन्टीन में घर जैसा स्वाद प्रदान करने वाले व्यंजन और मिठाई देखकर उपायुक्त ने उनकी गुणवत्ता की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसमें रखी खाने की चीजों की ब्रिकी बढ़ाने के लिए मार्किट से लिंक करेंगे। यही नहीं घरौंडा में जितने भी सरकारी कार्यालय हैं, वह सभी खाने की चीजें यहां से खरीदेंगे, उन्होंने मौके पर मौजूद एसडीएम डा. पूजा भारती को इसके लिए सरकारी आदेश जारी करने को कहा।
कैन्टीन खोले जाने को लेकर उपायुक्त ने सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि करनाल की तर्ज पर पंचकूला में भी सैल्फ हैल्प ग्रुप की कैन्टीन खोली जा रही हैं, भविष्य में उम्मीद रहेगी कि पूरे प्रदेश में विशेषकर सरकारी कार्यालयों में सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाओं के लिए इस तरह की कैन्टीने खोली जाएं। उन्होंने बताया कि सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाएं अपना व्यवसाय स्थापित करने में ओर अधिक दक्षता से काम करें, इसके लिए मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार जिला के बसताड़ा में एक ट्रेनिंग सेंटर खोला जाएगा।
4 करोड़ 69 लाख रुपए की ऋण राशि के चैक वितरित किए
उद्घघाटन के बाद बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में उपायुक्त ने जिला के भिन्न-भिन्न ब्लॉकों से आई सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 4 करोड़ 69 लाख रुपए की ऋण राशि के चैक वितरित किए। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि सैल्फ हैल्प ग्रुप से महिलाएं स्वावलम्बी बनी हैं और उनमें आत्मविश्वास की भावना प्रबल हुई है। उन्होंने यह कहकर महिलाओं का मनोबल बढ़ाया कि उन्होंने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। आत्म विश्वास से उनका घर और घर से बाहर कार्य स्थल पर दोनों जगह मान-सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाएं कभी भी बैंक से डिफाल्टर नहीं हुई, यह इस प्रोजेक्ट की एक सुंदरता है। इनके हौंसले को देखते अब तो जिला में मनरेगा में मेट का काम 50 प्रतिशत महिलाओं को दिया जा रहा है। यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में जो भी राशन डिपो अनियमितताओं के चलते रद्द होंगे, उन्हें सैल्फ हैल्प ग्रुप को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरित करनाल अभियान के तहत भी 200 ग्राम पंचायतों में पौधा रोपण की जिम्मेदारी सैल्फ हैल्प ग्रुप को दी गई है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि आज से ही जिला की 10 जगहों पर सैल्फ हैल्प ग्रुप की कैन्टीनो की शुरूआत हुई है। कैन्टीने एस.एच.जी. महिलाओं के स्वरोजगार का माध्यम बन गई हैं। उन्होंने कहा कि सैल्फ हैल्प ग्रुप का मॉडल तमिलनाडू और आंध्रा से शुरू हुआ था। इसका मकसद महिलाओं की क्षमता को निखारकर उनमें आत्म विश्वास लाकर स्वरोजगार से जोडऩा था।
करनाल जिले में अब तक 4020 स्वयं सहायता समूह गठित हो चुके
जिला कार्यक्रम प्रबंधक जूबिन ने बताया कि करनाल जिले में अब तक कुल 4020 स्वयं सहायता समूह गठित हो चुके हैं, इनसे 40 हजार 109 परिवार जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूह का बैंको से लेन-देन 69 करोड़ 90 लाख रुपए का है, जो कि एक रिकॉर्ड है। उन्होंने बताया कि करनाल जिला सर्वाधिक स्वयं सहायता समूह का गठन और उन्हें रोजगार से जोडने में करनाल पूरे प्रदेश में अग्रणी है। घरौंडा ब्लाक का जिक्र करते उन्होंने बताया कि इस खण्ड में कुल 755 सैल्फ हैल्प ग्रुप है और उनसे 8500 परिवार जुड़े हुए हैं। इस कार्यक्रम में बीडीपीओ अंग्रेज सिंह तथा ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक कविता रानी भी मौजूद थी।
हैफेड के आउटलेट का भी किया उद्घघाटन
इस कार्यक्रम के पश्चात उपायुक्त ने मूनक खंड के गांव स्टौंडी में जाकर हैफेड के आउटलेट का भी उद्घघाटन किया। उन्होंने बताया कि मूनक की तर्ज पर जिला के सभी खण्ड़ो में इस तरह के आउटलेट खोले जाएंगे और सभी जगह सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिलाएं इनका संचालन करेंगी। इसका संचालन भी सैल्फ हैल्प ग्रुप की महिला मीना कर रही है। इस अवसर पर खण्ड़ विकास एवं पंचायत अधिकारी मूनक नरेश कुमार भी उपस्थित रहे।