प्रवीण वालिया, करनाल :
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि हरियाणा सरकार ने गौ रक्षा के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है। अब हर जिले में काऊ टास्क फोर्स का गठन होगा। सरकार द्वारा इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अब टास्क फोर्स का गठन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत जिला स्तर पर 11 सदस्यीय स्पेशल काऊ टास्क फोर्स बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस टास्क फोर्स में सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे, जिनमें पुलिस, पशुपालन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी, गौ-सेवा आयोग, गौ-रक्षक समितियों के सदस्य और 5 गौ-सेवक शामिल होंगे। टास्क फोर्स बनाने का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में मुखबिरों और उनके खुफिया नेटवर्क के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गौकशी के बारे में जानकारी जुटाना और मुखबिरों से मिली जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करना है। टास्क फोर्स से पहले हरियाणा सरकार गौ-संवर्धन एक्ट भी लागू कर चुकी है। इसके तहत गौ-तस्करी के मामले में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि इस टास्क फोर्स का मुख्य काम बेसहारा गायों की देखरेख करना, उन्हें गौशाला तक पहुंचाना और गौवंश की तस्करी को रोकना होगा। प्रदेश में मनोहर सरकार ने गौवंश की तस्करी रोकने के लिए गौ-संवर्धन एक्ट बना रखा है। गौ तस्करों को पकड़ने और गौवंश की तस्करी रोकने के लिए ये टास्क फोर्स अलग-अलग योजनाएं बनाकर काम करेगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में वर्तमान सरकार के शासनकाल में कई गौ-अभ्यारण्य बनाए गए हैं और जरूरत के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रदेश में गौसेवा आयोग के गठन के बाद सडकों पर घूमने वाले 2 लाख से ज्यादा गौवंश को गौशालाओं में पहुंचाया जा चुका है। गौवंश को गौशाला पहुंचाने का काम लगातार चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा।
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