करनाल: करनाल की नई अनाज मंडी में करीब 5 से 6000 मजदूरों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी धान का सीजन शुरू होने में समय है लेकिन फिलहाल दूसरे राज्यों की धान यहां पर पहुंच रही है लेकिन मजदूरों ने कई प्रकार की परेशानियों के चलते अपनी हड़ताल शुरू कर दी है।
मजदूर एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार ने बताया कि मंडी में कई स्थानों पर झुग्गियां बनी हुई हैं लेकिन उनमें रहने वाली महिलाएं फसल, बोरी आदि की चोरी कर रही है। फसल कम होने पर किसान व आढ़ती उन्हें बोलते हैं, जिससे वे परेशान हो चुके हैं। उनके लिए काम करना बड़ा मुश्किल हो चुका है। पूरे मामले को लेकर मार्केट कमेटी दफ्तर भी गए थे लेकिन वहां कोई नहीं मिला। मंडी सुपरवाइजर धर्मबीर ने बताया कि मजदूरों के आरोप हैं कि झुग्गी में रहने वाली महिलाएं चोरी कर रही हैं। वे झुग्गी हटाने की मांग कर रहे हैं। पूरे मामले को लेकर उपायुक्त को पत्र लिखा गया है। जो भी आदेश होंगे, उस आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
वही मजदूरों का कहना है कि नई अनाज मंडी की झुग्गी झोपड़ियां में रहने वाले लोगों की वजह से उनका काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है । दो दिन पहले भी झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के द्वारा धान चोरी करते हुए पकड़ने का मामला आया है। लेकिन मंडी का प्रशासन कमीशन एजेंट उनके साथ बातचीत करके ऐसे ही छोड़ देते हैं । उनके ऊपर कोई भी कार्यवाही नहीं करती जबकि उनके द्वारा की गई चोरी का भुगतान मजदूरों से लिया जाता है।
उन्होंने कहा कि पहले भी इस बारे में प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन मंडी प्रशासन के द्वारा उस पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया । यह ऐसे की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है लेकिन यहां पर पहरा देने के लिए एक भी सिक्योरिटी गार्ड नहीं है। जिसके चलते यहां पर चोरी की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है सीजन के समय तो यहां पर बहुत ही ज्यादा चोरी होती है। वही आवारा पशु भी बहुत ज्यादा होते हैं । जिसके चलते उनको अब मजबूरन हड़ताल करनी पड़ रही है उन्होंने कहा कि वह सभी बिहारी मजदूर हैं। जो यहां पर मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं लेकिन अगर कुछ भी चोरी होती है तो उसकी भरपाई ठेकेदार या मजदूरों से की जाती है। अगर प्रशासन के द्वारा इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया जाता तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे और सीजन के समय अनाज मंडी में 25 से 30 हजार बिहार से मजदूर काम करने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक झुग्गी झोपड़ी को अनाज मंडी से बाहर नहीं निकाला जाता तब तक वह ऐसे ही हड़ताल पर रहेंगे और काम नहीं करेंगे।