ओपीडी, आईपीडी, लैब और लेबर रूम सहित ट्रामा सेंटर में प्रभावित रहा इलाज

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करनाल: हरियाणा में वीरवार को डॉक्टर अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर है ऐसे में नागरिक अस्पताल पर इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को आज परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ भी अपनी मांगो को लेकर दो घंटे की हड़ताल पर रही है।
दरअसल, अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं। उन्होंने मरीजों को नहीं देखने का एलान किया है। ऐसे में आज स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।अस्पताल ओपीडी से लेकर इमरजेंसी सेवाए ठप है। इसके साथ ही आज पोस्टमार्टम भी नहीं किए गए ।
डॉक्टरों का कहना है  कि 6 महीने पहले हड़ताल के करने पर स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों में संगठन के साथ बैठक की थी और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बावज़ूद  भी उनकी मांगो की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो उन्हें हड़ताल का पर जाना पड़ा।
जिलेभर के 550 से अधिक एनएचएम कर्मचारी दो घंटे की हड़ताल पर रहे।इसके चलते नागरिक अस्पताल सहित सीएचसी व पीएचसी में सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। हड़ताल के कारण लगभग 350 से अधिक मरीज बिना इलाज कराए लौट गए।
इस दौरान नागरिक अस्पताल में विशेष रूप से लेबर रूम, एनसीडी क्लीनिक, स्त्री रोग विशेषज्ञ, मनोरोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित फिजियोथैरेपी विभाग की ओपीडी में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने नर्सिंग विद्यार्थियों सहित पक्के कर्मचारियों को सभी विभागों में तैनात किया था, उसके बावजूद अधिकतर मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ा। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत प्रदेशभर के एनएचएम कर्मचारी बुधवार को दो घंटे तक पेन डाउन हड़ताल पर रहे। हड़ताल खत्म होने के बाद यानी दोपहर 12 बजे के बाद स्टाफ काम पर लौटे और मरीजों का उपचार शुरू किया।
एनएचएम कर्मचारियों की मुख्य मांगें
एनएचएम कर्मचारियों को पॉलिसी बनाकर नियमित किया जाए, जब तक नियमितीकरण की पॉलिसी बने तब तक उन्हें सेवा सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, एक्सग्रेसिया व अपील और सजा हरियाणा सिविल सेवा नियम के अनुसार प्रदान की जाए। एनएचएम के सेवा नियम हरियाणा सरकार की पहल व एनएचएम गवर्निंग बॉडी की अनुमोदना के बाद वित्त विभाग से अनुमति लेते हुए कर्मचारियों पर लागू किए गए हैं। सेवा नियमों में रह गई त्रुटियों व वेतन विसंगतियों को ठीक करने के लिए संघ के साथ वार्ता करके उन्हें दूर किया जाए। आयुष्मान भारत योजना के तहत सीएचओ कैडर की एसओपी को लागू किया जाए व साथ ही बॉन्ड प्रथा को समाप्त किया जाए। एनएचएम में कार्यरत जिन-जिन कर्मचारियों पर ड्रेस कोड लागू किया गया है उन्हें वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता दिया जाए।