Karnal News फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत कृषि यंत्रों पर मिलेगा अनुदान : डॉ वजीर सिंह

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करनाल: फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए सरकार और कृषि विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि कोई भी किसान फसल अवशेष में आग ना लगाए बल्कि उनका प्रबंधन करें जिसे उनके खेत की पैदावार बड़े और प्रदूषण भी न फैले, जिसके लिए कृषि विभाग के द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाता है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में कृषि यंत्र लेकर फसल अवशेष प्रबंधन करें । उप-कृषि निदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पैडी स्ट्रॉ सप्लाई चैन स्थापित करने हेतु आवेदन आमंत्रित किये जा रहे हैं । इसके तहत 1 करोड़ 50 लाख रूपए तक का खर्च आएगा, जिसमें से कृषि विभाग 65 प्रतिशत अनुदान राशि देगा और 25 प्रतिशत खरीदने वाली फर्म खर्च करेगी तथा बची हुई 10 प्रतिशत राशि एग्रीगेटर को खर्च करनी होगी ।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के इच्डुक एग्रीगेटर विभागीय पोर्टल  www.agriharyana.gov.in/  पर 4 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। इनमें किसानों के समूह, ग्रामीण उद्यमियों एवं किसानों की सहकारी समितियां शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत 50 एच पी की क्षमता के 2 ट्रैक्टर, 75 एच पी से ऊपर की क्षमता का 1 ट्रैक्टर, 1 श्रब मास्टर, 1 स्ट्रॉ रेक, 1 टेंडर मशीन, 3 ट्राली, 1 स्ट्रॉ बेलर, टेली हैंडलर, नमी मापक मीटर, पानी का टैंक, अग्निशमक यंत्र तथा लाइटनिंग अरेस्टर पर अनुदान दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत लाभ लेने वाले एग्रीगेटर को प्रति सीजन 3000-4500 मीट्रिक टन धान के अवशेषों का प्रबंधन करना होगा। पिछले 2 वर्षों के दौरान धान की फसल के अवशेषों की खरीद व प्रबंधन करने वाले को प्राथमिकता दी जायेगी। जिला स्तरीय कमेटी; राज्य स्तरीय मंजूरी समिति को अनुमोदन के लिए सिफारिशें प्रस्तुत करेंगी। इन सिफारिशों के आधार पर राज्य स्तरीय मंजूरी समिति परियोजना प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी और राज्य सरकार को अनुमोदन की सिफारिश करेगी। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद मशीनरी खरीदने के लिए जिला स्तर पर उद्योग/एग्रीगेटर को ऑनलाइन अनुमति जारी की जायेगी। सरकार से अनुमोदन के बाद सहायक कृषि अभियंता परमिट तैयार करने के लिए विषय को विभाग के पोर्टल पर उप-कृषि निदेशक को भेजेगा। अधिक जानकारी के लिए किसान सहायक कृषि अभियंता कार्यालय, करनाल में संपर्क कर सकते हैं।