Karnal News : करनाल। करनाल (Karnal) जिले के अमुपुर (Ampur) गांव में देश के विभाजन (Division of the country) के बाद पश्चिमी पंजाब (Western Punjab) से उजड़कर हरियाणा (haryana) में बसे 4 सिख परिवारों (sikh families) के घरों को तोड़ने (house breaking) की कार्रवाई पर संज्ञान लेते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee) का प्रतिनिधिमंडल (Delegation) यहां पहुंचा और पीड़ित परिवारों (Victim families) से मुलाकात की और उनके साथ खड़े रहने का संकल्प लिया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शिरोमणि कमेटी (Shiromani Committee) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी (Advocate Harjinder Singh Dhami) ने एक कमेटी का गठन किया जिसमें शिरोमणि कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरभजन सिंह मसाना (Harbhajan Singh Masana), जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा (Gurbaksh Singh Khalsa), सदस्य भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल (Gurcharan Singh Grewal), बलदेव सिंह कैमपुर (Baldev Singh Kaimpur) और धर्म प्रचार समिति के सदस्य तेजिंदरपाल सिंह लाडवा (Tejinderpal Singh Ladwa) शामिल हैं।
शिरोमणि कमेटी के इस प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और जमीनी स्तर पर पूरी स्थिति की जानकारी ली। इस मौके पर शिरोमणि कमेटी प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि सिख संगठन उनके साथ है और सरकार की धक्केशाही और दमन का डटकर विरोध किया जाएगा।
शिरोमणि कमेटी ने चारों पीड़ित सिख परिवारों को 1-1 लाख की प्रारंभिक सहायता देने की घोषणा की और राज्य में हरियाणा की भाजपा सरकार के अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा की और सरकार से इन परिवारों के साथ न्याय करने को कहा।
मीडिया से बात करते हुए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष एडवोकेट धामी के आदेशानुसार चारों सिख परिवारों को शुरूआत में 1-1 लाख रुपए देने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सिख संगठन इन सिख परिवारों को हर स्तर पर सहयोग करेगा और आगे भी उनकी जरूरत के मुताबिक उन्हें हर तरह की सहायता दी जाएगी। उन्होंने मानवाधिकार (Human rights commission) से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं से राज्य में सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ इस धक्के के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
मसाना ने सभी सिख संस्थाओं और संगठनों से भी इन परिवारों की यथासंभव मदद करने की अपील की ताकि दुख की इस घड़ी में उन्हें सहारा दिया जा सके। शिरोमणि कमेटी के सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने सरकार की सिख विरोधी कार्रवाई की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार की इस कार्रवाई से सिखों में गहरा रोष है।
इस कार्रवाई से सरकार की सिख विरोधी नीति फिर उजागर हो गई है। उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को देखना चाहिए कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार किस तरह हरियाणा में सिखों को परेशान कर रही है।
ग्रेवाल ने उन सिख नेताओं से भी सवाल किया जो खुद को भाजपा का समर्थक बताते हैं और कहा कि वे अब बताएं कि राज्य में सिखों के घर क्यों तोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर कुरुक्षेत्र (kurukshetra) में कार्यरत हरियाणा सरकार (haryana government) द्वारा नामित गुरुद्वारा कमेटी के प्रतिनिधियों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि वह कई दिन बीत जाने के बाद भी वे अमुपुर में पीड़ित सिख परिवारों से मिलने नहीं पहुंचे।
पीड़ित सिख परिवारों में से बूटा सिंह ने जानकारी साझा की कि वे 4 भाई हैं और उनका परिवार देश के विभाजन के बाद पंजाब से आकर 70 वर्षों से अमुपुर गांव में बसा है लेकिन 26 जून, 2024 को अचानक सरकारी अधिकारियों ने उनके खिलाफ पुलिस बल के सहयोग से चार परिवारों के मकान ढेर कर दिए।
इस अवसर पर हरियाणा सिख मिशन (Haryana Sikh Mission) के प्रभारी सुखविन्द्र सिंह, प्रभारी गुरमति संगीत अकादमी सेखुपुरा करनाल प्रताप सिंह, सुरिंदर सिंह रामगढ़िया आदि मौजूद थे। Karnal News
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