इशिका ठाकुर, Karnal News:
करनाल के गांव घोगड़ी पुर के नजदीक पश्चिमी यमुना नहर के एक किनारे में दोपहर के बाद बड़ी दरार पड़ गई। इस कारण पश्चिमी यमुना नहर की लिंक नहर में पानी का दबाव बढ़ने से लिंक नहर के दूसरे किनारे को भी बड़ा खतरा हो गया।
कटाव रोकने की कोशिश, खेतों को खतरा
मामले की सूचना मिलने पर मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारी तथा स्थानीय गांव के लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। सिंचाई विभाग प्रशासन के द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर तथा गांव वालों की मदद से लिंक नहर में पड़े कटाव रोकने के लिए प्रयास जारी कर दिए।
नहर के किनारे के टूटने के कारण नहर के आसपास कई गांव तथा खेती की जमीन को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। यदि लिंक नहर का किनारा भी क्षतिग्रस्त हो जाता है तो निश्चित तौर पर गांव तथा खेतों को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है ।प्रशासन स्थानीय लोगों की मदद से किनारे के आसपस मिट्टी तथा मिट्टी से भरे कट्टे लगाकर पानी के भव को रोकने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।
लोग बोले- नहर की चौड़ाई कम की, इसलिए बढ़ा खतरा
मौके पर मौजूद सिंचाई विभाग के अधिकारी नवतेज सिंह ने बताया कि हथिनी कुंड बेराज से भी पानी का बहाव कम करवा दिया गया है, जिससे कि पश्चिमी यमुना नहर के किनारे के साथ-साथ लिंक नहर के किनारों को भी टूटने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ दूर नहर के आगे लिंक नहर का पानी पश्चिमी यमुना नहर में मिल जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके बारे में कई दिन पहले सिंचाई विभाग के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई थी।
बावजूद इसके अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। दूसरा बड़ा कारण है कि पश्चिमी यमुना नहर के साथ लगती लिंक नहर के कारण नहर के बीच के किनारे की चौड़ाई कम कर दी गई थी। इस कारण नहर का किनारा कमजोर पड़ गया और उस में दरार पड़ गई। यदि लिंक नहर के किनारे की मरम्मत सही तरह से नहीं की गई तो आसपास के कई गांवों को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
ये भी पढ़ें : कार्तिकेय शर्मा की जीत को लेकर समस्त ब्राह्मण समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का किया धन्यवाद
ये भी पढ़ें : खुल गया प्रगति मैदान सुरंग, पीएम मोदी ने किया टनल और अंडरपास का उद्घाटन
ये भी पढ़ें : राहत: रेलवे चलाएगा 205 स्पेशल ट्रेनें, ये है समय और रूट
ये भी पढ़ें : अस्थियां विसर्जन करने गया था परिवार, हादसे में 6 ने प्राण गवाएं
ये भी पढ़ें : ऐसा जिम, जहां सांड करते हैं कसरत