निवारण के बाद शिकायतकर्ता को भेजें प्रति : नगराधीश मयंक भारद्वाज
प्रवीण वालिया, Karnal News:
सीएम विंडो पर शिकायतों के निवारण को लेकर सोमवार को लघु सचिवालय के सभागार में हुई एक समीक्षा बैठक में नगराधीश मयंक भारद्वाज ने अधिकारियों से कहा कि वे निर्धारित 30 दिन के अंदर-अंदर शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत का निवारण करके उसे अपलोड करें।
शिकायत में कोई ठोस कारण हो तो संबंधित शिकायतकर्ता को बुलाएं
जिस शिकायत में कोई ठोस कारण हो तो संबंधित शिकायतकर्ता को बुलाएं और उससे बात करने के बाद उचित कार्यवाही करें। शिकायतकर्ता नहीं आता तो उसे नोटिस दें लेकिन बिना उसको सूचित किए अपने स्तर पर कार्यवाही करके उसे अपलोड न करें, ऐसी शिकायतें मुख्यालय से क्लैरिफिकेशन का नाम देकर वापिस आ जाती हैं।
शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर अनिवार्य
उन्होंने कहा कि कोई भी शिकायत है, उस पर शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर अनिवार्य होने चाहिएं। अधिकारी द्वारा लिए गए एक्शन के बाद उसका नाम व स्टैम्प भी होनी चाहिए। शिकायत का निवारण होने के बाद उसकी एक प्रति शिकायतकर्ता को जरूर भेजें। यदि मामला न्यायालय के विचाराधीन है तो अपलोड के समय न्यायालय का नाम और तारीख जरूर लिखें। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी इन जरूरी बातों का ध्यान रखें।
सीएम विंडो प्रोजैक्ट में शामिल विभाग
बैठक में सीएम विंडो प्रोजैक्ट कोर्डिनेटर उत्कर्ष आजाद ने क्लैरिफिकेशन का हवाला देकर संबंधित विभागों के अधिकारियों की शिकायतें बताई। इसमें पुलिस अधीक्षक करनाल, एचएसवीपी, नगर निगम, अग्रणी जिला प्रबंधक, इंद्री, नीलोखेड़ी, घरौंडा व मुनक के बीडीपीओ, सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार, जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा नगर पालिका असंध जैसे विभाग शामिल थे।
शिकायतें दर्ज हुई
प्रोजैक्ट कोर्डिनेटर ने सीएम विंडो पोर्टल के आधार पर अब तक की शिकायतों के आंकड़ों बारे बताया कि अब तक जिला में 12496 ऑनलाईन शिकायतें दर्ज हुई हैं, इनमें से संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा 11849 यानि 94.82 प्रतिशत का निवारण किया जा चुका है। कोविड दौर में सीएम विंडो का रिव्यू धीमा रहा।
क्या है सीएम विंडो
सीएम विंडो एक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली है, जो हरियाणा के सभी जिलों तथा सभी विभागों में एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में 25 दिसम्बर 2014 से लागू है। शिकायतकर्ता अपनी किसी दिक्कत या मसले का हल करवाने के लिए सीएम विंडो पर शिकायत डालता है जो ऑनलाईन पंजीकृत हो जाती है। ऑनलाईन सार्वजनिक प्लेटफार्म है और यह मुख्यमंत्री हरियाणा की भ्रष्टाचार विरोधी सोच की महत्वाकांक्षा का परिणाम है। पहले लोगों के पास अपनी शिकायतों के लिए ऐसा प्लेटफार्म नहीं था जहां वे अपनी समस्याएं ले जाकर उन्हें हल करवा सकें।